राकांपा नेता और सांसद डाॅ। अमोल कोल्हे ने मंगलवार को लोकसभा में सरकार की नीतियों और फैसलों की आलोचना की। उन्होंने किसानों के आंदोलन और नई संसद के गठन की भी खबर ली। उन्होंने सरकार से किसानों के आंदोलन का गरिमापूर्ण समाधान करने की अपील की। अब समझा जाता है कि वह किसान नेता राकेश टिकैत से मिलेंगे। सांसद कोल्हे की आक्रामकता को देखते हुए, यह दिल्ली में राकांपा प्रमुख शरद पवार के ब्रह्मास्त्र होने की तस्वीर है।

मोदी सरकार को घेरते हुए अमोल कोल्हे ने किसानों के आंदोलन का समर्थन किया। दिल्ली में चल रहे आंदोलन में किसान और किसान नेता राकेश टिकैत के डाॅ। लोमड़ियों का दौरा करने और उनकी दुर्दशा को समझने के लिए जा रहे हैं। गुरुवार को हम किसानों से मिलने जा रहे हैं। हम किसानों से मिलकर बताने जा रहे हैं कि हम उनके पीछे हैं। कोल्हे ने स्पष्ट किया कि इसमें कोई राजनीतिक मकसद नहीं था।

सरकार कहती है कि ये कानून किसानों के हित के लिए हैं, लेकिन अगर ये कानून किसानों के लाभ के लिए हैं, तो किसान आंदोलन क्यों करेंगे? सरकार को इसे समझने की जरूरत है। सरकार को इस मुद्दे को जल्द से जल्द संबोधित करना चाहिए ताकि यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मजाक न बने। इस अवसर पर, कोल्हे ने मोदी द्वारा बोले गए 'आंदोलनकारी' शब्द की तीखी आलोचना की। कोल्हे ने कहा कि देश के नेताओं के लिए "आंदोलनकारी" शब्द का इस्तेमाल करना दुर्भाग्यपूर्ण है।

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