इंटरनेट डेस्क। भारत की इतिहास में जब भी गौरवान्‍वित को याद किया जाता है तो भारत के वीर राजाओं का ही नाम लिया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है महिलाओ का भी इसमें बहुत ही बड़ा योगदान रहा है। इन महिलाओ ने आपने समाज और सम्मान के लिए बहुत बड़ी योगदान निभाया है। आज हम आपको ऐसी तीन स्त्रियों का नाम बताने जा रहे हैं जिन्‍होंने इतिहास में महिलाओं की भूमिका निभाई है।

रानी दुर्गावती: रानी दुर्गावती बचपन से ही वीरांगना थी और बहुत खूबसूरत भी थीं। उनका विवाह गोंडवाना के राजा दलपत सिंह मांडवी से हुआ था। विवाह के 4 साल बाद ही रानी दुर्गावती के पति की मृत्‍यु हो गई। दुर्गावती को एक पुत्र भी था। बेटे की उम्र कम होने की वजह से राज्‍य की बागडोर खुद रानी ने अपने हाथों में ले ली। उनके राज्‍य पर अकबर की नज़र पड़ गई ,रानी दुर्गावती पूरी बहादुरी के साथ अकबर की सेना से लड़ी। पहले युद्ध में तो उन्‍होंने आसिफ खां को हरा दिया लेकिन दूसरी बार रानी ने अकबर के हरम में शामिल होने से बेहतर खुद को ही कटार मारना बेहतर समझा।

पन्‍ना धाय: राजस्‍थान की एक महान स्‍त्री के रूप में पन्‍ना धाय को जाना जाता है। महाराणा प्रताप के वंश को आगे बढ़ाने में इनका महत्‍वपूर्ण योगदान था। राणा के आखिरी वंशज उदयसिंह बचे थे जिन्‍हें मारने की योजना बनवीर ने बनाई थी। पन्‍ना धाय ने उदय सिंह को बचाने के लिए उनकी जगह पर अपने बेटे चंदन को रख दिया और वो मारा गया।

अमृता देवी: इन्‍हें भी राजस्‍थान की एक महान स्‍त्री के रूप में जाना जाता है। अमृता देवी ने 1730 में पेड़ काटने का अभियान पर रोक लगाने के लिए सभी महिलाओं के साथ पेड़ों पर चिपक गईं। इस आंदोलन में 35 पुरुषों और 363 महिलाओं ने हिस्‍सा लिया था। इस दिन को पर्यावरण दिवस के रूप में घोषित कर दिया गया।

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