पिछले कुछ सालों में अमेरिका की जीडीपी बेहद ही शानदार रही है। अमेरिका की गिनती दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में भी होती है। लेकिन चीन का तो अब कुछ और ही मानना है।

चीनी थिंक टैंक इनबाउंड और चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट शेयर की है जिसे पढ़ कर आप हैरान रह जाएंगे कि चीन वाकई में ऐसा चाहता है या फिर ये चीन की कोई नई चाल है।


रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका वर्तमान अंतरराष्ट्रीय समस्याओं और चुनौतियों को पूरा करने में विफल रहा है, इसलिए चीन और भारत को वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था की कमान लेने के लिए आगे आना होगा।

रिपोर्ट में भारत के लिए ये भी कहा गया कि भारत की क्रय शक्ति भारत की कुल जीडीपी से 3 गुना अधिक है इसलिए भारत अर्थव्यवस्था के लिए एक केंद्र है।

इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि चीन और भारत को एक दूसरे का सहयोग करना होगा। इसके अलावा राजनीतिक इच्छाशक्ति की भी आवश्यकता है। अगर चीन और भारत वैश्विक स्तर पर नेतृत्व करने के लिए एक साथ आते हैं, तो जीडीपी और पीपीपी दोनों काफी बढ़ सकती है।

चीन और भारत जैसी उभरती शक्तियां न केवल मौजूदा वैश्विक व्यवस्था बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी क्रांति ला सकती हैं। चीन और भारत साथ में मिल कर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम कर सकते हैं। इस रिपोर्ट में चीन और भारत को सबसे अधिक महत्व दिया गया है।

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