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नरेंद्र मोदी 9 जून को प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, शपथ ग्रहण समारोह 9 जून को शाम 6 बजे निर्धारित है। नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। इस साल के लोकसभा चुनाव में जनता ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को बहुमत दिया। बुधवार को एनडीए ने सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुन लिया। इसके साथ ही नई सरकार के गठन की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में एनडीए ने 293 सीटें जीतीं, जो 543 सदस्यीय सदन में बहुमत के लिए जरूरी 272 सीटों से ज्यादा है। कड़े मुकाबले में विपक्षी इंडिया गठबंधन को 234 सीटें मिलीं, जबकि 17 सीटें अन्य के खाते में गईं। इस बार नई सरकार का गठन अलग हो सकता है, क्योंकि भाजपा चुनाव में जादुई आंकड़े से काफी दूर रह गई।

इस बार स्थिति बिल्कुल अलग:

भाजपा भले ही सरकार बनाने में सफल हो गई हो, लेकिन इस बार की स्तिथि बेहद ही अलग है। मोदी के पिछले दो कार्यकालों में पार्टी ने अपने दम पर ही बहुमत हासिल कर लिया लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाया। इसलिए इस बार भाजपा को अपने गठबंधन सहयोगियों पर निर्भर रहना पड़ेगा। नीतीश कुमार की जदयू और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी की भूमिका अहम हो सकती है।

नड्डा के घर बड़ी बैठक:
गुरुवार को जेपी नड्डा के घर बड़ी बैठक के बीच लगातार तीसरी बार मोदी सरकार बनाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी वाली इस बैठक में सरकार गठन को लेकर भविष्य की रणनीति पर चर्चा हुई। पार्टी नेताओं के मुताबिक, मंत्रिमंडल गठन में एनडीए के घटक दलों की भागीदारी समेत कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई।


पड़ोसी देशों के नेता शपथ ग्रहण समारोह में हो सकते हैं शामिल:
नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में श्रीलंका और बांग्लादेश समेत कई पड़ोसी देशों के नेताओं को आमंत्रित किया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित विदेशी नेताओं में बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, नेपाल और मॉरीशस के शीर्ष नेता शामिल हो सकते हैं। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के मीडिया सेक्शन ने पुष्टि की है कि मोदी ने उन्हें शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया है।

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