दोस्तों, आपको बता दें कि मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के 10 साल बाद मुंबई पुलिस अब अपने समुद्र तटीय बेड़े में होवरक्राफ्ट शामिल करने जा रही है। पुलिस आयुक्त सुबोध कुमार जायसवाल के मुताबिक, फिलहाल हमारे पास स्पीडबोट और गश्ती पोत हैं, लेकिन मुंबई पुलिस को और अधिक मजबूत बनाने तथा तट के दुर्गम इलाकों की चौकसी के लिए दो होवरक्राफ्ट खरीदे जा रहे हैं।

जाहिर है महाराष्ट्र की 720 किमी लंबे समुद्र तट की निगरानी के लिए ये होवरक्राफ्ट सुरक्षा के लिहाज से काफी अहम साबित होंगे। तो देर किस बात की आइए जानें, क्या होता है होवरक्राफ्ट।

दोस्तों, आपको जानकारी के लिए बता दें कि होवरक्राफ्ट हवाई गद्दों वाला एक ऐसा वाहन है, जो पानी, जमीन के साथ कीचड़ और बर्फीली सतह पर भी आसानी से दौड़ सकता है।

- होवरक्राफ्ट की स्पीड 20 किमी प्रति घंटे से अधिक होती है।

- होवरक्राफ्ट सतह से करीब 600 मिमी. की ऊंचाई पर तैरते हुए आगे बढ़ते हैं।

- होवरक्राफ्ट में लगे एक बड़े पंखे से हवा के द्वारा एक गद्दी तैयार की जाती है। इसी गद्दी के चलते ही इस वाहन का श्यान-घर्षण बल बहुत कम हो जाता है।

बता दें कि होवरक्राफ्ट व स्पीड बोट के जरिए मुंबई पुलिस तटीय इलाकों पर पहले से बहुत अधिक चौकसी बरत सकेगी। इतना ही नहीं अब तक 44 तटीय पुलिस स्टेशन भी स्थापित किए जा चुके हैं।

गौरतलब है कि मुंबई पुलिस ने सागर सुरक्षा दल का भी गठन किया है, करीब 6,000 मछुआरे इसके सदस्य हैं। सागर सुरक्षा दल के सदस्य इस साल करीब 50 लोगों को समुद्र में डूबने से बचा चुके हैं।

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