मोहन भागवत की पहली पसंद नहीं थे नरेंद्र मोदी, संघ के चलते भाजपा को 2014 में मिली जीत
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दोस्तों, आपको जानकारी के लिए बता दें कि किंगशुक नाग की किताब मोहन भागवत : इन्फ्लूएंशर-इन-चीफ में कई महत्वपूर्ण बातों का खुलासा हुआ है। बता दें कि इससे पहले किंगशुक नाग पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आत्मकथा भी लिख चुके हैं, जिसमें यह बताया गया है कि मोदी का भविष्य भागवत के हाथों में है। मोहन भागवत की इस नई आत्मकथा में लोकसभा चुनाव-2014 में भाजपा की जीत का कारण नरेंद्र मोदी नहीं बल्कि संघ को बताया गया है।
लेखक किंगशुक ने संघ के बड़े विचारकों का हवाला देते हुए लिखा है कि लोकसभा चुनाव-2014 में भाजपा को मिली बड़ी जीत की असली वजह यूपीए सरकार की असफलता और पीएम मोदी की लोकप्रियता नहीं बल्कि संघ की ओर से जमीनी स्तर पर वर्षों तक किए गए कार्यों का नतीजा था। इसी सामाजिक बदलाव के चलते भाजपा को यह बड़ी जीत मिली।
इस पुस्तक में यह भी लिखा गया है कि साल-2014 में मोहन भागवत की पहली पसंद पीएम मोदी नहीं थे। बावजूद इसके बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को इसलिए प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था, क्योंकि वही एक मात्र ऐसे नेता थे जिनकी अगुवाई में भाजपा सरकार बनाने के करीब पहुंच सकती थी।
इस किताब में लिखा गया है कि साल-2014 से पहले बीजेपी चुनाव में स्पष्ट बहुमत को लेकर पूरी तरह से सशंकित थी। मोहन भागवत की इस नई आत्मकथा में यह लिखा गया है कि लोकसभा चुनाव-2019 पीएम मोदी के लिए करो या मरो वाली स्थिति का होगा।