लोकसभा चुनाव-2019 : भीम आर्मी चीफ ने दिया यह बड़ा बयान, राजनीतिक दलों में बढ़ी बेचैनी
भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद को अपनी पार्टी में शामिल करने के लिए देश की सभी राजनीतिक पार्टियां बेचैन दिखाई दे रही हैं। सपा मुखिया अखिलेश यादव यह बात पहले ही कह चुके हैं कि हर युवा नेता के लिए पार्टी का दरवाजा खुला है। जबकि अभी कुछ ही दिन पहले मायावती ने कहा कि चंद्रशेखर बसपा के झंडा तले अपनी लड़ाई लड़ सकते हैं।
चूंकि लोकसभा चुनाव-2019 नजदीक आता जा रहा है, ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी सियासी बिसात बिछाने में लगी हुई हैं। इस आम चुनाव को देखते हुए भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर ने स्पष्ट किया है कि वह 2019 में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।
इसके अतिरिक्त उन्होंने पिछले दिनों यह भी कहा था कि मीडिया ने उनके नाम के आगे रावण शब्द जोड़ दिया। एक टीवी चैनल से रूबरू होते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि लोकसभा चुनाव-2019 में मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता बने रहना चाहता हूं। मैं किसी भी राजनीतिक पार्टी का पक्ष नहीं ले सकता। अभी मुझे ईमानदार और पारदर्शी बने रहने की जरूरत है।
यूपी के सहारनपुर जिले में मौजूद छुटमलपुर निवासी चंद्रशेखर ने कहा कि मैं अपने नाम के आगे लगे रावण शब्द को पूरी तरह से खत्म कर देना चाहता हूं। मेरा नाम चंद्रशेखर आजाद है, और इसे ही इस्तेमाल करना चाहता हूं। अगर किसी ने भी मुझे रावण कहा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा।
चंद्रशेखर आजाद ने कहा भारतीय जनता पार्टी केवल उन्हें बदनाम करने के लिए उनके नाम के आगे रावण शब्द का इस्तेमाल कर रही है। रावण शब्द के जरिए वह इसे राम और रावण की लड़ाई बताना चाहते हैं। यह बात सभी को पता है कि भारतीय समाज में राम को नायक और रावण को खलनायक के रूप में देखा जाता है।
गौरतलब है कि इसी महीने योगी सरकार ने चंद्रशेखर आजाद को सहारनपुर जेल से रिहा किया है। साल 2017 में महाराणा प्रताप जयंती के कार्यक्रम के दौरान दलित और राजपूत समुदाय के बीच शब्बीरपुर गांव में भड़की जातीय हिंसा के बाद चंद्रशेखर आजाद को गिरफ्तार किया गया था।