जानिए बाल ठाकरे को कभी महाराष्ट्र पुलिस क्यों नहीं करती थी गिरफ्तार, पढ़िए किस्सा
मुंबई पर लिखी गई सबसे अच्छी किताबों में से एक मैक्सिमम सिटी के लेखक सुकेतु मेहता के मुताबिक, मुंबई में मुसलमान, हिंदू हो या क्रिश्चियन कोई कुछ भी फॉलो करता था, लेकिन बाल ठाकरे के आने के बाद सब कुछ बदल गया। आरएसएस की तरह ही शिव सेना ने हर गली-मोहल्ले में अपनी शाखाएं खोलनी शुरू कर दी।
एक बार बाल ठाकरे ने कहा था कि शिव सैनिक का मतलब कोई पोस्ट लेना नहीं, बल्कि यह एक स्टेट ऑफ़ माइंड है। एक बार शिवसेना ने डिमांड रखी की सरकारी नौकरी में मराठियों को 80 फीसदी आरक्षण मिले। 1969 में जब शिवसेना ने महाराष्ट्र-कर्नाटक बॉर्डर का मुद्दा उठाया तो राज्य सरकार ने बाल ठाकरे को पहली और आखिरी बार गिरफ्तार किया।
बता दें कि बाल ठाकरे के गिरफ्तार होते ही दंगे हो गए। इस दंगे में 151 पुलिस वाले तथा 69 लोग मारे गए जबकि 250 से अधिक घायल हुए। इतना ही नहीं महाराष्ट्र सरकार ने जेल में बंद बाल ठाकरे से गुजारिश की कि अपने लोगों को रोको।