इंटरनेट डेस्क| भारतीय रक्षा बल के अनेको साहसी वीरों को सेपॉय से मार्शल तक सभी तरह की सेवाओं के लिए नियुक्त किया जाता हैं। उनके परिश्रम और त्याग को सिर्फ पहचान सकते है, इनका कोई मुआवजा नहीं हैं।

ये अधिकारी अपनी विभिन्न क्षमताओं में हमारे लिए काम करते हैं। कुछ हा अधिकारी है जिन्होंने ये रैंक हासिल की। आज हम आपको बताते है इन रक्षा बलो की तीन रैंको के बारे में जिन्हें शायद ही सम्मानित किया जाता हैं।

1. भारतीय सेना - फील्ड मार्शल

फील्ड मार्शल को भारतीय सेना में उच्चत्तम रैंक प्राप्त हैं। पांच सितारा जनरल ऑफिसर को जनरल की पोस्ट से भी ऊपर रखा गया हैं। सबर पर राष्ट्रीय प्रतीक और फील्ड मार्शल के प्रतीक में कमल के फूलों की पुष्पांजलि में एक क्रॉस बैटन सम्मिनलित हैं।

फील्ड मार्शल का कोई रिटायर्डमेंट नहीं है, मृत्यु तक ये अपनी सेवाएं देते हैं। इसका एक अर्थ यह भी है कि ये पेंशन खींचने की जगह बचे हुए जीवन के वेतन रोल में रहते हैं। इनके लिए किसी अधिकारिक अवसरपर पूरी वर्दी में होना आवश्यक नहीं हैं। अब तक यह रैंक मात्र दो लोगो को दी गई है। एक सैम मानकेश,एमसी थे। इन्हें अपनी बहादुरी के लिए जाना जाता है , साथ ही इन्हें सैम बहादुर के नाम से भी जाना जाता हैं। दूसरे भारतीय सेना के पहले कमांड़-इन-चीफ केएम करियपप्पा,ओबीई था।

2. भारतीय वायुसेना – भारतीय वायुसेना के मार्शल

फील्ड मार्शल के समान ही वायुसेना में भी उच्चत्तम रैंक वायुसेना मार्शल का हैं। अधिकतर इसे अधिकृत योग्यता में सम्मानित करते हैं। चीफ ऑफ एयर स्टाफ के बिल्कुल ऊपर एमआईएएफ को स्थान दिया गया हैं।

अब तक केवल एक ही व्यक्ति को ये पांच सितारा रैंक मिली हैं- अर्जुन सिंह, डीएफसी। सैम मानकेश के मरने के बाद यह देश में मात्र एक ही जीवित पांच सितारा रैंक अधिकारी हैं। इंग्लैण्ड के बाद केवल भारत एक ऐसा देश है जिसने एक हवाई अधिकारी को यह रैंक दी।

3. भारतीय नौसेना- नौसेना अध्यक्ष का बेड़ा

फील्ड मार्शल और वायुसेना मार्शल के जैसे ही बेड़े के नौसेना अध्यक्ष को अधिक रैंक प्राप्त हैं। यह रैंक सम्मान व योग्यता के लिए दी जाती हैं। अभी तक यह रैंक देश में किसी को भी नहीं मिली। नौसेना के प्रधान के प्रधान की उच्चत्तम रैंक हैं। अभी एडमिरल रॉबिन के धवन इसका कार्यालय परोस रहे हैं।

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