मौका कोई भी हो प्रधानमंत्री मोदी गांधी परिवार की हर बात में आलोचना करते हैं। लेकिन हर आलोचना में केवल तीन शख्स या उनसे जुड़े लोग ही शामिल होते हैं। लेकिन जब संजय गांधी की बात होगी तो नसबंदी अभियान की बात तो जरूर ही होगी। क्योंकि यह एक ऐसा अभियान था जिसके कारण सारे देश में त्राहिमाम मच गई थी।

लेकिन सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्यों संजय गांधी के लिए यह अभियान इतना जरूरी हो गया था जिसके कारण कॉलेज स्टूडेंट्स को भी नहीं बख्शा गया था। नसबंदी अभियान इमरजेंसी के दौरान चलाया गया था। संजय गांधी इस अभियान को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध थे इस अभियान के दौरान पुलिस ने गांवों को घेरकर पुरुषों की जबरदस्ती नसबंदी करवाई थी।


आज भी इस बात पर काफी चर्चा होती है कि ऐसा क्या था जिसने इस अभियान को संजय गांधी के लिए इतना अहम बना दिया था। दरअसल संजय गांधी के पूरे राजनीतिक जीवन पर ध्यान दें तो यह उनको प्रभावी नेता बनाने की महत्वाकांक्षा थी जिसके कारण उनके लिए नसबंदी अभियान इतना जरूरी बन गया था, और दूसरा कारण था भारत में जनसंख्या विस्फोट हो रहा था जिसके कारण भारत पर बढ़ती जनसंख्या को रोकने का अंतर्राष्ट्रीय दबाव था।

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