इंटरनेट डेस्क। दोस्तों आपको बता दे की भारतीय वायु सेना ने 1947 के युद्ध के दौरान वायु सेना को कभी सीधे-सीधे शामिल नहीं किया। मगर भारतीय थल सेना के लड़ाकों को जंग के मैदान में लाने-लौटाने में उनकी अहम भूमिका थी।

दोस्तों आपको बता दे की सन् 1965 तक भारतीय वायु सेना, पाकिस्तानी वायु सेना से तकनीकी रूप से पीछे थी। लेकिन दोस्तो सन् 65 के भारत-पाक युद्ध के दौरान भारते के बहादुर अफ़सरों ने पाकिस्तान के “सबरे” युद्धक विमानों से कुछ इस कदर लोहा लिया कि, उन्हें “सबरे का कातिल” की संज्ञा दी गई थी।

दोस्तों आपको बता दे कीअपनी चरम अवस्था में भारतीय वायु सेना लगभग 224 टुकड़ियों का संचालन करती है. अगर वर्तमान के आकड़ों पर नज़र डालें तो वायु सेना के पास 1,473 वायवीय बेड़ें हैं, जिसमें ट्रेनर, मालवाहक और हेलिकॉप्टर भी शामिल हैं।

भारतीय वायु सेना को इसकी पहली एयर मार्शल पद्मावती बंदोपाध्याय के रूप में मिली थीं. वे वायु सेना मेडिकल सर्विस (एयर हेडक्वार्टर्स) की डायरेक्टर जनरल थीं।

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