गुरुवार को राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति में राजनीतिक हस्तक्षेप के आरोपों को खारिज करते हुए केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर पलटवार किया है। खान ने कहा यदि मुख्यमंत्री एक साबुत भी दे देंगे तो मै अपने पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हु ।

वहीं खान ने मुख्यमंत्री को खुले तौर पर चुनौती देते हुए पूछा कि क्या वह अपने आरोपों को साबित करने में असफल होने पर इस्तीफा दे पाएंगे?


वे (वाम सरकार, सीएम) कह रहे हैं कि मैं यह (कुलपतियों के खिलाफ कार्रवाई) आरएसएस के लोगों को लाने के लिए कर रहा हूं। अगर मैंने अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए अपने दम पर एक भी व्यक्ति, आरएसएस का नहीं, किसी भी व्यक्ति को नामित किया है, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा।


नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, क्या वह (सीएम) इस्तीफा दे पाएंगे अगर वह इसे साबित करने में सक्षम नहीं हुए तो? मैं आपसे पूछ रहा हूं। उन्होंने आगे कहा, जब आप मेरे खिलाफ इतना गंभीर आरोप लगा रहे हैं, तो आपको उसे साबित करना होगा।

वह बुधवार को तिरुवनंतपुरम में विजयन के आरोपों पर पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे। मालूम हो कि सीएम ने बीते दिनों राज्यपाल पर आरोप लगाते हुए कहा था कि राज्य में विश्वविद्यालयों को आरएसएस और संघ परिवार का केंद्र बनाने की कोशिश की जा रही है और राज्यपाल संस्थानों के भगवाकरण एजेंडे में शामिल हैं।

क्या है पूरा मामला?
केरल राजभवन पीआरओ के अनुसार, राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खान ने 24 अक्टूबर की सुबह 11:30 बजे तक 9 विश्वविद्यालयों के कुलपति को इस्तीफा सौंपने का आदेश दिया था। राज्यपाल ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति के समय यूजीसी के नियमों की अनदेखी हुई है।

आरिफ खान ने इन विश्वविद्यालयों के कुलपति से मांगा इस्तीफा
आरिफ मोहम्मद खान ने जिन विश्वविद्यालयों के कुलपति से इस्तीफा मांगा है उनमें केरल विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी विश्वविद्यालय, कोचीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कन्नूर विश्वविद्यालय, एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय, श्री शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, कालीकट विश्वविद्यालय और थुंचथ एज़ुथाचन मलयालम विश्वविद्यालय के कुलपति शामिल हैं।

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