जीतनराम मांझी ने बिहार और गुजरात को ढाई सौ ग्राम शराब पीने वालों को नहीं पकड़ने का दिया सुझाव
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि शराबबंदी खराब नहीं है, मगर उसे लागू करने की प्रक्रिया में गड़बड़ी है। इसकी समीक्षा होनी चाहिए। ब्रेथ एनलाइजर भी कभी-कभी गलत बताता है, जिससे पकड़ने वाले बदमाशी करते हैं। मांझी दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। फिर चाहे वह बिहार हो या गुजरात। बड़े शराब तस्कर बच जा रहे और गरीब लोग पकड़े जा रहे हैं। जेलों में 70 प्रतिशत ऐसे लोग बंद हैं, जो आधा लीटर या ढाई सौ ग्राम शराब पीते हुए पकड़े गए हैं। यह अन्याय है। ऐसा नहीं होना चाहिए। जो सवा सौ ग्राम या ढाई सौ ग्राम पीते हैं, उनको नहीं पकड़ना चाहिए।
गरीब सवर्णों को आरक्षण देने के फैसले का स्वागत
मांझी ने सुप्रीम कोर्ट के गरीब सवर्णों को आरक्षण देने के फैसले का भी स्वागत किया। जाति गणना को जरूरी बताते हुए मांझी ने कहा कि अब जनसंख्या के आधार पर आरक्षण मिलना चाहिए। इसके पूर्व बैठक में कार्यकारिणी प्रस्तावना दिया गया कि जल्द से जल्द बिहार के बाहर अन्य राज्यों में संगठन की प्रदेश इकाई का गठन करते हुए 20 लाख सदस्य बनाए जाए। बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष डा संतोष कुमार सुमन, विधायक डा अनिल कुमार, ज्योति मांझी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद यादव आदि उपिस्थत थे।
पूजा कराने वाले पंडित मास-मदिरा का सेवन करते
बीते शुक्रवार को जीतनराम मांझी ने बोधगया स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि आजादी के 75 साल के बाद भी मनुवादी विचारधारा की पार्टी का कार्ड अब बिहार में नहीं चलेगा। वैसे मनुवादी विचारधारा की पार्टी की उप चुनाव में करारी हार होगी। पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने पुराने बयान को दोहराते हुए कहा कि ब्राह्मण जो पूजा-पाठ कराते हैं, वे मांस-मदीरा का सेवन करते हैं। हमलोग आंबेडकरवादी हैं। उनके विचार को अपनाकर भी समाज का कल्याण होगा। इसलिए सभी लोगों को आंबेडकर के विचार को अपनाना चाहिए।