इंटरनेट डेस्क। जम्मू-कश्मीर में 19 जून को बीजेपी ने पीडीपी से गठबंधन तोड़ सरकार से अपना समर्थन वापस लेने के बाद में राज्यपाल शासन लागु हो गया है।

पिछले 40 सालों में आठवीं बार राज्य में राज्यपाल शासन लगाया हुआ है। लेकिन इस बार सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। जम्मू-कश्मीर मे अलगाववादियों पर सख्ती बढ़ा दी गई है।

वहीं जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक को हिरासत में ले लिया गया है। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के मीरवाइज उमर फारूक को भी नजरबंद कर दिया गया है।

आपको बता दें कि मीरवाइज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नरम धड़े के अध्यक्ष हैं। अलगाववादी नेताओं को घाटी में विरोध-प्रदर्शनों की अगुवाई से रोकने के लिए ये कदम उठाए जा रहे हैं।

दूसरी तरफ घाटी में नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) का एक दस्ता पहुंच चुका है।

यह दस्ता बीते एक पखवाड़े से श्रीनगर एयरपोर्ट के पास सीमा सुरक्षाबल के एक प्रशिक्षण केंद्र में पुलिस, सीआरपीएफ और बीएसएफ से चुने गए जवानों के साथ आतंकरोधी अभियानों के अभ्यास में जुटा हुआ है।

आपको बता दें, जम्मू कश्मीर में एनएसजी के कमांडो 1990 के दशक में भी आतंकरोधी अभियानों के लिए आ चुके हैं।

Related News