भारत का प्रधानमंत्री किसी पार्टी विशेष का नहीं होता है, बल्कि पूरे देश की जनता का होता है। शुरुआत में कांग्रेस पार्टी ने देश को कई महान प्रधानमंत्री दिए जिनकी बदौलत एक सशक्त भारत का निर्माण हो सका। आज हम आपको ऐसे ही 3 प्रधानमंत्रियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी मृत्यु पद पर रहते हुए हो गई थी।

1. जवाहरलाल नेहरू (14 नवंबर, 1889 -27 मई, 1964)


भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को बदनाम करने में सोशल मीडिया पर खूब उंगलियां घिसी गई हैं। लेकिन वे काफी महान है और भारत के विकास में उनका काफी अधिक योगदान भी रहा है।

1962 के बाद पंडित नेहरू का स्वास्थ्य बिगड़ने लगा था। भारत पर किए गए चीन के हमले को नेहरू विश्वासघात मानते थे। चीन के द्वारा मिली हार के कारण नेहरू अंदर से काफी टूट चुके थे । 1963 में पंडित नेहरू में कश्मीर में बिताया और वे देहरादून में भी रहे लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ मई 1964 में वह देहरादून से दिल्ली लौटे और उनकी तबियत काफी ख़राब हो गई।

26 मई की रात नेहरू बीमार थे। पीठ दर्द की शिकायत के बाद वे बशोष हो गए और बेहोशी में ही उनकी मृत्यु हो गई। 27 मई 1964 को लोकसभा में दोपहर 2 बजे ऐलान किया गया कि अब पंडित जवाहरलाल नेहरू हमारे बीच नहीं रहे। उनकी मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई।

2. लाल बहादुर शास्त्री (2 अक्टूबर, 1904 - 11 जनवरी, 1966)


नेहरू जी के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल बहादुर शास्त्री को देश का प्रधानमंत्री बनाया गया। 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय वे भारत के प्रधानमंत्री थे और इसमें भारत ने पाकिस्तान को हरा कर शिकस्त कर दिया। लाल बहादुर शास्त्री की मौत 11 जनवरी 1966 तत्कालीन सोवियत संघ के ताशकंद में रहस्यमय परिस्थितियों में हुई थी।

3. इंदिरा गांधी (14 जनवरी, 1980 - 31 अक्टूबर, 1984)


भारत की पहली महिला प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी 1966 से 1977 तक, इसके बाद 1980 से लेकर 1984 तक अपने पद पर आसीन रहीं। 31 अक्टूबर, 1984 की सुबह उनकी हत्या कर दी गई थी। इस दिन उनका पहला अपॉइंटमेंट पीटर उस्तीनोव के साथ था जो इंदिरा गाँधी पर डॉक्यूमेंट्री बनाना चाहते थे। वे उनसे इंटरव्यू के लिए जा रही थी तभी उनके दो अंगरक्षकों सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने उन्हें गोली मार कर हत्या कर दी।

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