ग्लोबल फायर पावर की सूची के मुताबिक, 133 देशों की शक्तिशाली सेनाओं में अमेरिका नंबर वन, चीन नंबर दो, रूस नंबर तीन और फिर भारत का नंबर है। पांचवे नंबर पर फ्रांस की सेना है। बता दें कि पिछले तीन वर्षों से भारत की सेना इस लिस्‍ट में चौथे नंबर पर है। इसके बाद यूके, जापान, टर्की, जर्मनी और ऐसे कुछ देशों का नाम है।

जी हां, अगर हम अपने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की बात करें तो यह 13वें नंबर पर है। ग्‍लोबल फायर पावर ने तकनीक रूप से समृद्ध और दूसरे देशों के साथ प्रतियोगिता में सक्षम सेनाओं को ही इस सूची में शामिल किया है। ग्‍लोबल फायर पावर की सूची में रूस नहीं चीन को दूसरे पायदान पर रखा गया है। चीन के पास अब रूस के मुकाबले ज्यादा नेवी शिप्‍स और एयरक्राफ्ट हैं। हांलाकि टैंकों के मामले में रूस अभी भी चीन पर भारी है।

इस सूची को बनाने में 50 मानक निर्धारित किए गए थे, जिनमें सैन्‍य संसाधन, प्राकृतिक संसाधन, उद्योग और भौगोलिक स्थितियों के अलावा मैनपावर को भी शामिल किया गया था। ग्‍लोबल फायर पावर की रिपोर्ट के मुताबिक, सैन्यबल के मुकाबले भारत चीन से आगे है। भारत के पास जहां ,207,250 सैन्‍यबल है, वहीं चीन के पास सिर्फ 3,712,500 है। चीन केवल सक्रिय सैनिकों की वजह से भारत पर भारी पड़ता है। चीन के सक्रिय सैनिकों की संख्या 2,260,000 है, वहीं भारत के पास सिर्फ 1,452,500 ही सक्रिय सैनिक हैं।

गौरतलब है कि इस सूची में परमाणु हथियारों की संख्‍या को शामिल नहीं किया गया है। भारत की तुलना में चीन का मिलिट्री बजट तीन गुना है। पाकिस्तान की तुलना में भारत हर क्षेत्र में आगे है। अटैक हेलीकॉप्‍टर्स, आर्टिलरी और अन्य दूसरी चीजों में भारत अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान पर भारी है।

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