मिसाइल एंड स्ट्रैटेजिक सिस्टम के डायरेक्टर जनरल डॉक्टर सतीश रेड्डी के मुताबिक, भारत की नाग मिसाइल किसी भी परिस्थिति में दुश्मन के प्रत्ये​क लक्ष्य को नष्ट कर सकती है। जानकारी के लिए बता दें कि दागो और भूल जाओ की तकनीक पर काम करने वाली नाग मिसाइल का सफल परीक्षण जैसलमेर के पोखरण रेंज में कई बार किया जा चुका है।

डीआरडीओ के मुताबिक, बहुत जल्द ही नाग मिसाइल को भारतीय सेना में शामिल कर लिया जाएगा। नाग मिसाइल किसी भी मौसम में अपने टारगेट को हिट करने में सक्षम है। डीआरडीओ सूत्रों के अनुसार, नाग मिसाइल में कई खूबियां हैं। यह मिसाइल इमेज के जरिए संकेत मिलते ही टारगेट को भांप लेती है, तथा दुश्मन के टैंक का पीछा करते हुए उसे तबाह कर देती है।

नाग मिसाइल इतनी हल्की है कि इसे मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री कॉम्बैट व्हीकल के जरिए पहाड़ी पर या फिर दूसरी जगह कहीं भी ले जाया जा सकता है। नाग मिसाइल का वजन महज 42 किलो है। भारत की शक्तिशाली नाग मिसाइल को विकसित करने में अब तक 350 करोड़ रूपए से ज्यादा का बजट लग चुका है।

नाग मिसाइल की सबसे बड़ी खूबी है कि यह रात-दिन दोनों वक्त में काम करती है। नाग मिसाइल को बिना किसी रख-रखाव के 10 साल तक इस्तेमाल किया जा सकता है। नाग मिसाइल 230 किमी प्रति सेकेंड के हिसाब से अपने लक्ष्य को भेदती है। यह मिसाइल अपने साथ 8 किलो ग्राम विस्फोटक लेकर चलने में सक्षम है।

Related News