आपको जानकारी के लिए बता दें कि पाकिस्तान के अखबार डॉन को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तान जल संसाधन मंत्रालय के सचिव ख्वाजा शुमैल ने कहा है कि यदि भारत पूर्वी नदियों का पानी रोकेगा तो उसका पाकिस्तान पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि सिंधु जल समझौते के तहत ये पूर्वी नदियां भारत के अधिकार में आती हैं।

बता दें कि गुरुवार को एक कार्यक्रम में मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि सिंधु जल समझौते के तहत भारत रावी, ब्यास और सतलुज का पानी डायवर्ट कर यमुना में लाएगा। जिससे जम्मू- कश्मीर, पंजाब, हरियाणा सहित कई अन्य राज्यों को पानी मिलेगा और किसान कई किस्म की फसल उगा सकेंगे। इन तीनों प्रोजेक्ट पर पहले से ही काम शुरू हो चुका है।

इस बारे में पाकिस्तान जल संसाधन मंत्रालय के सचिव ख्वाजा शुमैल का कहना है कि यदि भारत इन तीनों नदियों के पानी को डायवर्ट करके अपने लोगों के लिए इस्तेमाल करता है, तो इस कदम पर पाकिस्तान को कोई आपत्ति नहीं है। सिंधु जल समझौते के तहत रावी, सतलुज और ब्यास के पानी पर भारत का ही अधिकार है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी यह बयान दिया है कि तीनों नदियों का पानी डायवर्ट करने की योजना दीर्घकालिक है, इसका सिंधु जल संधि समझौते से कोई लेना-देना नहीं है। नदियों पर बांध बनाने का काम शुरू हो चुका है। यह योजना 6 साल में पूरी होगी।

गौरतलब है कि नितिन गडकरी पाकिस्तान को जाने वाले भारत के हिस्से के पानी को डायवर्ट करने की बात पहले भी कह चुके हैं। हांलाकि उनका यह बयान ऐसे समय पर सामने आया है, जब पुलवामा को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है।

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