दोस्तों, आपको बता दें कि पड़ोसी देशों की चुनौतियों से निपटने के लिए रक्षा मंत्रालय की शीर्ष संस्था डीएसी ने रक्षा उपकरणों के खरीद की मंजूरी दे दी है। बता दें कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में डीएसी ने करीब 3,000 करोड़ रुपये के रक्षा उपकरणों की खरीद के लिए मंजूरी दी है।

इस क्रम में भारत एक अरब डॉलर में दो स्टेल्थ फ्रिगेट खरीदने जा रहा है। यह दोनों युद्धपोत सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस से युक्त होंगे। स्टेल्थ फ्रिगेट से तात्पर्य है रडार की नजर में पकड़ नहीं आने वाले युद्धपोत।

बता दें कि भारतीय नौसेना के दो स्टेल्थ फ्रिगेट पर तैनात सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों ब्रह्मोस तथा इंडियन आर्मी के मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन के लिए बख्तरबंद रिकवरी वाहन भी खरीदे जाएंगे। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि स्वदेशी मिसाइल सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की तैनाती नौसेना के जहाजों पर प्राथमिक रूप की जाएगी। उन्होंने कहा कि डीएसी ने इंडियन आर्मी के मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन के लिए बख्तरबंद रिकवरी वाहन के खरीद की भी स्वीकृति दी है।

जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय नौसेना के युद्धपोतों के लिए बनने वाली ब्रह्मोस मिसाइलों का शुरूआती निर्माण रूस में ही किया जाएगा। बता दें कि अभी अक्टूबर महीने में ही भारत ने रूस के साथ एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम एस-400 का सौदा किया था। गौरतलब है कि भारत इस वर्ष मई में 6900 करोड़, अगस्त में 46000 करोड़ और सितंबर में 9100 करोड़ रुपए की रक्षा डील कर चुका है।

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