तीन मई के बाद लॉकडाउन का क्या करना है, इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा की, लेकिन अभी कुछ फैसला नहीं आया है कि फ़िलहाल देश लॉकडाउन रहेगा या हटाया जायेग, लेकिन बात करे मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने मेघालय के ग्रीन ज़ोन या नॉन-कोविड प्रभावित ज़िलों में गतिविधियों की छूट के साथ तीन मई के बाद लॉकडाउन बढ़ाने का विचार रखा।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ लॉकडाउन को मददगार मानते हैं क्योंकि अगर लॉकडाउन ना होता तो एक व्यक्ति से औसतन तीन लोगों में वायरस जा सकता था। लेकिन बढ़ता हुआ लॉकडाउन अपने साथ कई चुनौतियों को भी लेकर चल रहा है, जो दिन बीतने के साथ-साथ बड़ी होती जा रही हैं।

अर्थशास्त्री विवेक कॉल कहते हैं कि अगर लॉकडाउन बढ़ता है तो ज़्यादातर छोटे कारोबार और बड़े कारोबार बंद ही रहेंगे, "कारोबार बंद रहेंगे तो व्यापारियों और उनके यहां काम करने वाले लोगों की आमदनी पर असर पड़ेगा, आमदनी पर असर पड़ेगा तो इसका सीधा सीधा असर खपत पर पड़ेगा, खपत पर असर पड़ा तो उसका सीधा प्रभाव अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।

छोटे व्यापारियों ने एक महीने से ज़्यादा वक़्त का लॉकडाउन तो जैसे-तैसे काट लिया। लेकिन विवेक कॉल कहते हैं कि ये आगे बढ़ा तो छोटे व्यापारी की अपने कामगारों को तनख्वा देने की क्षमता और भी कम हो जाएगी, इससे लोगों की नौकरियां जाएंगी और उनकी तनख्वाहें काटी जाएंगी।

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