“चुनाव बैलेट पेपर से होने चाहिए”: ईवीएम पर आरजेडी प्रमुख लालू यादव का आया बयान
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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने शुक्रवार को कहा कि चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की जगह बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। लालू यादव ने कहा, "अगले साल होने वाले बिहार चुनाव में हमारी पार्टी जीतेगी। हमें बहुमत मिलेगा। चुनाव बैलेट पेपर से कराए जाने चाहिए।"
बिहार में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने की संभावना है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद विपक्षी पार्टी और नेताओं ने ईवीएम पर सवाल उठाए हैं। इससे पहले 26 नवंबर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की जगह बैलेट पेपर का इस्तेमाल करने की मांग करते हुए आरोप लगाया था कि "एससी, एसटी, ओबीसी और गरीब समुदायों के वोट बर्बाद हो रहे हैं।"
मल्लिकार्जुन खड़गे ने यहां तालकटोरा स्टेडियम में संविधान दिवस कार्यक्रम में बोलते हुए कहा- "एससी, एसटी, ओबीसी और गरीब समुदायों के लोगों के वोट बर्बाद हो रहे हैं। ईवीएम को अलग रखें। हमें ईवीएम नहीं चाहिए; हम बैलेट पेपर पर मतदान चाहते हैं... उन्हें मशीन अपने घर, पीएम मोदी या अमित शाह के घर पर रखने दीजिए... तब हमें पता चलेगा कि आप (बीजेपी-एनडीए) कहां खड़े हैं।"
कांग्रेस प्रमुख की तीखी टिप्पणी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी की करारी हार के तुरंत बाद आई है, जहां महायुति गठबंधन ने शानदार जीत हासिल की और बीजेपी 280 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी विजेता बनकर उभरी, जबकि उसके सहयोगी- एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने क्रमशः 57 और 41 सीटें जीतीं।
महा विकास अघाड़ी- जिसमें शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का गुट और कांग्रेस शामिल हैं- ने सिर्फ 46 सीटें जीतीं।
कांग्रेस के कई नेताओं सुखविंदर सिंह सुखू, दिग्विजय सिंह, जी परमेश्वर और चमाला किरण कुमार ने हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत पर चिंता जताई है और आरोप लगाया है कि भाजपा ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएमएस) के माध्यम से लक्षित मतदान केंद्रों में हेरफेर करके चुनाव जीता है।
सुप्रीम कोर्ट ने भारत में चुनावों में फिजिकल पेपर बैलट वोटिंग सिस्टम को फिर से शुरू करने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया।