भारत में लगातार फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन पार्ट-2 की घोषणा कर दी जो 3 मई तक जारी रहेगा, लेकिन इस कारण बड़ी संख्या में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लॉकडाउन से प्रवासी मजदूर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, दिहाड़ी मजदूर बेरोजगार हो गए हैं, उनकी कोई आमदनी नहीं हो रही है, इसलिए अब घर लौटना चाहते हैं, लेकिन साधन नहीं होने की वजह से नहीं जा सकते।

ऐसे में 15 अप्रैल को दिल्ली के यमुना इलाके में सैकड़ों मजदूर जमा हो गाए अब इनके हालात ऐसे हैं कि श्मशान घाट के फेंके गए सड़े-गले केले खाकर पेट भरना पड़ रहा है। यमुना घाट रह रहे मज़दूरो के लिए दिल्ली सरकार ने अब रहने और खाने की व्यवस्था कर दी है, उन्हें तुरंत शिफ़्ट करने के आदेश दे दिए हैं। रहने और खाने की कोई कमी नहीं है।

दिल्ली के साथ ही बांद्रा, ठाणे, सूरत, अहमदाबाद, हैदराबाद जैसे शहरों में हज़ारों मजदूर फंसे हुए हैं. मजदूरों के लिए सरकारों ने जो इंतज़ाम किये, वो काफी नहीं हैं.

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