बता दें कि बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जीत हासिल की है। ऐसे में इन तीन राज्यों में बनी कांग्रेस सरकार के शपथ ग्रहण समारोह को विपक्षी एकता मंच बनाने के लिए तमाम विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया गया है। नए मुख्यमंत्रियों के शपथ के लिए भव्य तैयारियां की गई हैं। शपथ ग्रहण का कार्यक्रम सबसे पहले राजस्थान में रखा गया है, इसके बाद क्रमश मध्य प्रदेश में तथा छत्तीसगढ़ में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन है।

बता दें कि 17 दिसंबर को राजस्थान में मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह का कार्यक्रम सुबह 10 बजे से है। मध्य प्रदेश में 15 साल का वनवास खत्म कर कांग्रेस एक बार फिर सत्ता में लौटी है, इस राज्य में मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह दोपहर एक बजे से हैं तथा छत्तीसगढ़ में शपथ ग्रहण समारोह कार्यक्रम शाम पांच बजे से है।

बता दें कि राजस्थान की कमान अशोक गहलोत संभालेंगे, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिग्गज नेता कमलनाथ लेंगे। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल राज्य के मुख्यमंत्री होंगे।

कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्ष के दिग्गज नेता एकत्र हो रहे हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव तथा बसपा सुप्रीमो मायावती इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। इन दोनों नेताओं ने निजी कारणों का हवाला देते हुए शपथ ग्रहण समारोह में शिकरत करने से मना कर दिया है। इसे विपक्षी एकता के लिए करारा झटका माना जा रहा है।

17 दिसंबर को राजस्थान में आयोजित मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, एनसीपी नेता शरद पवार, शरद यादव, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला तथा असम के ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के सांसद बदरुद्दीन अजमल ने शिरकत की है।

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