चंद्रयान-2 को लेकर बड़ी खबर आई है। चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर से संपर्क टूटने के बाद ISRO इस बात के लिए लगातार कोशिश कर रहा है कि कैसे भी कर के लैंडर से संपर्क फिर से साधे जाएं। इसके लिए चांद के चारों ओर घूम रहा ऑर्बिटर मदद करेगा और इसकी मदद से सम्पर्क स्थापित किया जाएगा। इसरो ने हाल ही में ऑर्बिट द्वारा भेजी गई थर्मल इमेज जारी की थी जिसमे लैंडर सुरक्षित दिखाई दे रहा था।

अब इसरो ने इस बारे में एक और जानकारी जारी की है और इसके मुताबिक विक्रम सुरक्षित है और कोई भी टूट-फूट नहीं हुई है। इसके किसी भी पार्ट को कोई डेमेज नहीं हुआ है। हालाकिं फिर भी वैज्ञानिकों को फिर से सम्पर्क साधने में काफी मेहनत करनी होगी।

इसरो मिशन से जुड़े एक अधिकारी ने सोमवार को दावा किया कि यह ऑर्बिटर के ऑन-बोर्ड कैमरे द्वारा भेजी गई तस्वीरों से यह साफ हो गया है कि जहां पर लैंडिंग होनी थी, वहां लैंडर की हार्ड लैंडिंग हुई है। लेकिन उस तस्वीर में लैंडर एक ही टुकड़े में दिखाई दे रहा है इसका मतलब साफ़ है कि उसमे कोई भी टूटफुट नहीं हुई है।

"ऑर्बिटर और लैंडर के बीच हमेशा दो-तरफ़ा संचार होता है, लेकिन हम एक तरह से संवाद करने का प्रयास कर सकते हैं।" लैंडर चंद्रमा की सतह से 2.1-किमी ऊपर था जब उसने बेंगलुरु में इसरो मुख्यालय में ग्राउंड स्टेशन के साथ कनेक्शन लॉस्ट कर दिया था।

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