शौर्य और पराक्रम का दूसरा नाम हैं भारतीय सेना। इंडियन आर्मी के तीनों दल (थल, वायु और जल) देश की आन-वान-शान हैं। इन दलों में देश का हर युवक अपनी इच्छा से शामिल होता हैं। अन्य देशों से परे भारतीय सेना में आम लोग स्वेच्छा से भर्ती होते हैं। आज के समय में भारतीय सेना दुनिया की सबसे बड़ी स्वैच्छिक सेना हैं, जिसमें नागरिक खुद की मर्जी से शामिल होते हैं।

भारतीय सेना ने आजादी के बाद से ही कई उपलब्धियां अपने नाम की हैं। भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि, दुनिया के सबसे बड़े युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर पर भारतीय सेना अपना नियंत्रण रखती हैं। वर्षों वाद भी पाकिस्तान सियाचिन ग्लेशियर पर अपने वर्चस्व की जंग भारत के साथ लड़ रहा हैं। इस युद्धक्षेत्र में कई देशों की सेनाएं प्रशिक्षण लेने आती हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दे दुनिया के सबसे बड़े युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर पर अमेरिका, ब्रिटेन और रूस की विशेष ऑपरेशन टीमें प्रशिक्षण लेने अक्सर आती रहती हैं। वही जब अमेरिका को अफगानिस्तान पर हमले के लिए स्पेशल फ़ोर्स की तैनाती करनी थी तो उनको ट्रेनिंग इसी HAWS में दिलाई गई थी। हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (HAWS) दुनिया के सर्वोत्कृष्ट सैन्य प्रशिक्षण केंद्रों में से एक है।

वर्ष 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच लोंगेवाला जंग इसी जगह पर लड़ी गई थी। इस लड़ाई में भारतीय सेना M-40 राइफल और एक जीप के साथ महज 120 सैनिक के साथ पाकिस्तान से भिड़ गई थी। भारतीय सेना की शक्तियों के मुकाबले पाकिस्तान के पास दो हजार सैनिक, 45 टैंक और एक मोबाइल इंफैंट्री ब्रिगेड थी। आपको बता दे लोंगेवाला की इस लड़ाई में केवल दो भारतीय जवान हताहत हुए थे।

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