इमरजेंसी में 30 दिन तक जेल में रहे थे अनंत कुमार, दक्षिण में तोड़ा कांग्रेस का वर्चस्व
दोस्तों, आपको बता दें कि मोदी सरकार में संसदीय कार्यमंत्री रहे अनंत कुमार का आज सुबह निधन हो गया। वह कैंसर से पीड़ित थे। दक्षिण भारत के एक मध्यमवर्गीय ब्राह्मण परिवार में जन्मे अनंत कुमार ने छात्र राजनीति से ही अपने करियर की शुरूआत की।
दक्षिण भारत के लोकप्रिय राजनेता अनंत कुमार ने संयुक्त राष्ट्र की एक सभा में कन्नड़ में भाषण दिया था। ऐसा करके वह दक्षिण भारत के करोड़ों जनता के लिए आदर्श बन गए थे। माना जाता है कि वह लाल कृष्ण आडवाणी के करीबी थे, लेकिन उन्हें किसी गुट विशेष का नेता नहीं माना जाता था। उनकी छवि सबसे अलग थी।
बता दें कि अनंत कुमार जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में थे, तब इंदिरा गांधी के आपातकाल के दौरान वह तमाम छात्रों के साथ जेल में 30 दिनों तक रहे थे। 90 के दशक तक उत्तर भारत के कई राज्यों में सत्ता का स्वाद चख चुकी भाजपा को दक्षिण में एंट्री दिलाने वाले नेता का नाम है अनंत कुमार।
कर्नाटक में अनंत कुमार ने भाजपा की कमान संभाली। इतना ही नहीं उन्होंने दक्षिण भारत में भाजपा के लिए उर्वर जमीन तैयार की। उनके इस अहम योगदान के लिए भाजपा उन्हें सदा याद रखेगी। 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी जब प्रधानमंत्री बने तब अनंत कुमार को मंत्री बनाया गया। दक्षिण बेंगलुरु की सीट से अनंत कुमार लगातार छह बार (1996, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014) सांसद चुने गए।
लोकसभा चुनाव 2014 में अनंत कुमार ने कांग्रेस प्रत्याशी नंदन निलेकणी को दो लाख मतों के विशाल अंतर से हराया था। अनंत कुमार को मोदी सरकार में संसदीय कार्य मंत्री का पद मिला था।