अभी कुछ ही दिनों पहले डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कहा था कि अमेरिका ने पिछले कई वर्षों में पाकिस्तान को अरबों डॉलर से ज्यादा की मदद दी। लेकिन बदले में उसने छल और झूठ के सिवाय कुछ भी नहीं दिया। वह सोचता है कि अमेरिकी नेता मूर्ख है। उन्होंने कहा कि हम अफगानिस्तान में जिन आतंकियों को तलाश रहे हैं, पाक ने उन्हें पनाह दी। ट्रंप ने कहा था कि पाकिस्तान ने अल-क़ायदा नेता ओसामा बिन लादेन की मदद की थी। अमरीकी उपराष्ट्रपति ने काबुल में कहा था कि अमरीका ने पाकिस्तान को नोटिस पर रखा है।

अभी हाल में ही अमरीका की राजदूत निकी हेली ने संयुक्त राष्ट्र में यह बयान दिया है कि अब पाकिस्तान को एक डॉलर की भी मदद नहीं देनी चाहिए। हेली ने कहा कि पाक अब भी आतंकियों को पनाह दे रहा है, जिससे अमेरिकी सैनिक मारे जा रहे हैं। अत: किसी भी सूरत में पाक को अमेरिकी मदद नहीं दी जानी चाहिए।

लेकिन पाकिस्तान अमेरिका के इन तमाम आरोपों को खारिज करता रहा है। कुछ ही दिनों पहले वॉशिंगटन पोस्ट को दिए इंटरव्यू में इमरान ख़ान ने पाकिस्तान और अमेरिकी संबंधों को लेकर कई बातें कहीं। इमरान खान ने कहा कि हम अमेरिका से बराबरी का रिश्ता रखना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि सुपरपावर के साथ संबंध कौन नहीं रखना चाहेगा, लेकिन हम उसके साथ चीन जैसे रिश्ते रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के साथ जंग में पाकिस्तान ने बहुत नुकसान उठाया है। अब हम वह करेंगे, जो पाक के हक में होगा।

इमरान खान ने कहा कि अमेरिका ने हमेशा पाकिस्तान पर तालिबान चरमपंथियों का समर्थन करने का आरोप लगाए हैं, लेकिन कभी भी सबूत पेश नहीं किया। पिछले 70 सालों से अमेरिका के साथ हमारे संबंध रहे हैं, अब अफगानिस्तान में शांति कायम करने के लिए यह जरूरी हो गया है कि पाक की मदद ली जाए।

गौरतलब है कि अमरीका ने सितंबर माह में पाकिस्तान को दी जाने वाली 30 करोड़ डॉलर की मदद को रद्द कर दिया था। अमरीका का कहना है कि पाक ने आतंकियों के खिलाफ कभी भी ठोस कार्रवाई नहीं की है।

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