महाभारत का युद्ध धर्म की स्थापना के लिए हुआ था। ये युद्ध कौरवों और पांडवों के बीच हुआ था और इसमें लाखों लोगों की जान चली गई थी। इस युद्ध से बहुत ही कम योद्धा सुरक्षित वापस लौट सके थे।

1: सात्यकी: ये अर्जुन के शिष्य और परम कृष्ण भक्त थे। ये महाभारत के युद्ध से सुरक्षित वापस लौटने में सक्षम हो पाए थे।

2: कृतवर्मा: इस योद्धा ने कई बार सात्यकी से युद्ध किया। ये भी महाभारत के युद्ध से सही सलामत लौटे थे।

3: युयुत्सु: कौरवों का सौतेला भाई जिसकी माँ एक दासी थीं। युयुत्सु ने कई बार कौरवों को अधर्म से दूर रहने की हिदायत दी लेकिन अपने अहंकार के सामने कौरवों ने इसकी एक नहीं सुनी।

4: पांडव: महाभारत युद्ध में समस्त पांडव सुरखित वापस लौट सके थे। जिनके साथ स्वयं सृष्टि के पालनहार भगवान श्री कृष्ण हों, भला उनका कोई क्या बिगाड़ सकता है।

5: अश्वत्थामा: गुरु द्रोण का पुत्र और एक ऋषि जो स्वयं भगवान शंकर का अंशावतार था। भगवान कृष्ण ने उन्हें हमेशा मृत्यु लोक में भटकने का श्राप दिया था।

6: भगवान श्री कृष्ण: जैसा कि हम सभी जानते हैं कि श्री कृष्ण भगवान् श्री हरि विष्णु के अवतार थे। भला उन्हें कोई क्या हानि पहुंचा सकता है।

7: कृपाचार्य: ये पांडवों और कौरवों के कुल गुरु थे, जो कुरुक्षेत्र से सकुशल वापस आ गए थे।

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