क्या है भाजपा के 'कमल' का अब तक का सफर, जानिए यहाँ
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संसद और विधानसभाओं में देश के दूसरे सबसे बड़े दल भारतीय जनता पार्टी की बात करें तो देश के कई राज्यों पर बीजेपी का दबदबा है और बहुमत से बीजेपी ने इस बार जीत हासिल की है।
भाजपा के ‘कमल’ के अब तक की जर्नी की अगर हम बात करें तो बिना आरएसएस की बात किए भाजपा की कहानी अधूरी मानी जाएगी। क्योकिं आरएसएस भारत का बेस कहा जा सकता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना 1925 में नागपुर में हिंदुत्व विचारधारा के गैर राजनीतिक दल के रूप में हुई। श्यामा प्रसाद मुख़र्जी ने आरएसएस से संबंधित पोलिटिकल पार्टीजनसंघ की स्थापना वर्ष 1951 में की थी। साल 1977 में जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद जनसंघ उसका हिस्सा बन गई। ये देश की पहली गैर कांग्रेस पार्टी थी।
1980 में एक अलग दल के रूप में बीजेपी अस्तित्व में आई। इसके बाद जनसंघ के सहयोगियों के साथ अटल बिहारी वाजपेयी भाजपा के पहले अध्यक्ष बने। बीजेपी में अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और राजनाथ सिंह एक से अधिक बार पार्टी अध्यक्ष बन चुके हैं।
लोकसभा चुनवाब ने भारत का प्रदर्शन अच्छा रहा है। 1984 से लेकर 2009 तक की पार्टी की परफॉर्मेंस की बात करें तो 1984 में भाजपा को 7.4 प्रतिशत वोट मिले थे और उसे सिर्फ 2 सीटों पर ही विजय प्राप्त हुई। इंदिरा गाँधी की मृत्यु के बाद कांग्रेस को जीत मिली और कांग्रेस जोरदार बहुमत के साथ जीती लेकिन इस समय बीजेपी दूसरे नंबर पर रही।
1989 में भाजपा को 11.4 प्रतिशत वोट मिले थे और उसने 86 सीटों पर जीत हासिल की थी। 1986 में बीजेपी के अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी थे। 1989 के चुनाव में भाजपा ने जनता दल को बिना शर्त समर्थन देकर कांग्रेस को इस रेस से बाहर कर दिया था। तब वी.पी. सिंह प्रधानमंत्री बने थे।
1991 में बीजेपी एक बड़ी पार्टी बन चुकी थी और बीजेपी की परफॉर्मेंस वाकई काबिले तारीफ़ थी। इस चुनाव में भाजपा को 20.8 प्रतिशत वोट मिले और कुल 120 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की। राजीव गांधी की हत्या की पृष्ठभूमि में हुए इस चुनाव में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की थी।
इसके बाद सं 1996 में बीजेपी को 20.3 प्रतिशत वोट और कुल 161 सीटें मिली। उस समय बीजेपी में वाजपेयी प्रधानमंत्री बने लेकिन समर्थन नहीं मिलने के कारण 13 दिनों में ही उनकी सरकार ढेर हो गई।
1998 में भाजपा को 25.6 प्रतिशत वोट मिले एवं 182 सीटें अर्जित हुई। 2004 में कांग्रेस की सरकार बनी और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने।
2009 में भी 18.8 प्रतिशत वोटों और 116 सीटों के साथ बीजेपी का प्रदर्शन आशा के मुताबिक नहीं रहा। वहीं, कांग्रेस ने जीत हासिल की और मनमोहन सिंह दोबारा प्रधानमंत्री बने।
इन सभी उतार-चढ़ावों को पार करके आखिरकार भाजपा नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 में हुए आम चुनावों में पूर्ण बहुमत के साथ विजयी हुई और 2019 में फिर से बीजेपी ने लोकसभा चुनावों में बहुमत के साथ जीत हासिल की है।