देश की महिला कमांडो ट्रेनर ने भारतीय सेना के लिए त्याग दिया था मातृत्व सुख
आज हम एक ऐसे महिला कमांडो ट्रेनर की बात कर रहे हैं जो देश की अकेली महिला कमांडो ट्रेनर है। उनके पति का नाम मेजर दीपक राव है। कमांडो ट्रेनर सीमा राव सैनिकों को हथियार, निहत्थे तथा टीम के साथ लड़ने की ट्रेनिंग देती है। इतना ही नहीं इन्होने आज तक कभी सेना से पैसे भी नहीं लिए हैं।
मार्शल आर्ट में माहिर सीमा राव ने अब तक 20,000 भारतीय कमांडोज को ट्रेनिंग दी है। जिसमें एनएसजी, मुंबई एंटी टेरेरिज्म स्क्वॉड, भारतीय सेना, असम राइफ़ल्स, नेवी, BSF तथा ITBP के सुरक्षाकर्मी शामिल हैं।
पुरूष कमांडोज को ट्रेनिंग देना कितना कठिन काम है, ये बात हम जानते हैं। एक बार इस कारण सिर पे चोट लगने से इनकी याददाश्त भी जा चुकी है। एक बार उनकी कमर भी टूट गई थी। बुरे समय में उन्हें अपने सोने के गहने तक बेचने पड़े थे और अपना मंगलसूत्र भी। लेकिन फिर भी उन्होंने सेना से कभी इसके लिए कोई पैसे नहीं लिए। यदि पैसे लेकर ही सुरक्षाकर्मियों को ट्रेनिंग दूंगी तो फिर देश सेवा का मतलब ही क्या है।
इतना ही नहीं सेना को ट्रेनिंग देने के लिए उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े सुख यानी मातृत्व के सुख को भी ठुकरा दिया है। इस बड़े फैसले में उनके पति मेजर दीपक राव ने भी बखूबी साथ दिया। अपनी ड्यूटी के कारण वे अपने पिता के अंतिम संस्कार में भी नहीं आई थी जिसका उन्हें आज तक कोई मलाल नहीं है। सीमा राव अपने से दोगुने वजन और आधी उम्र के मर्दों से भी दो-दो हाथ करने में गुरेज नहीं करती हैं।