अध्यक्ष बनने से लेकर पद से इस्तीफा देने तक की पेशकश, जानिए राहुल गांधी के बारे में
राहुल गांधी का जन्म 19 जून 1970 को नई दिल्ली में हुआ था। उन्होंने दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल में शुरूआती पढ़ाई की इसके बाद वे दून स्कूल में पढ़ने चले गए। इसके बाद राहुल ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के रोलिंस कॉलेज फ्लोरिडा से 1994 में कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की। फिर उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज से 1995 में एम.फिल की उपाधि हासिल की।
भारत लौटने के बाद उन्होंने 2003 में पॉलिटिक्स में कदम रखा। 2003 से उन्होंने कांग्रेस की बैठकों में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था। 2004 में उन्होंने पहली बार अमेठी से चुनाव लड़ा और इसमें जीत भी गए। राहुल गांधी ये चुनाव करीब 2 लाख वोटों के अंतर से जीते थे। अटल बिहारी बाजपेई की सर्कार को यूपीए ने रिप्लेस किया था।
साल 2007 में राहुल गांधी को कांग्रेस का महासचिव नियुक्त किया गया। इसके अलावा उन्हें भारतीय यूथ कांग्रेस और नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया का भार भी सौंपा गया। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में वे पार्टी के स्टार प्रचारक थे। लेकिन कांग्रेस 403 में से सिर्फ 22 सीटें जीतने में ही सफल हो सकी।
2009 में लोकसभा चुनावों ने उन्होंने 100 से ज्यादा रैलियां की। इसके बाद कांग्रेस ने सत्ता में जोरदार वापसी की।
2011 में भट्टा परसौल में यूपी सरकार की तरफ से कम दाम पर जबरदस्ती जमीन अधिग्रहण के खिलाफ राहुल ने प्रदर्शन किया और अपनी गिरफ्तारी भी दी। राहुल गांधी को 2013 में कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया गया। लेकिन विपक्ष की पार्टियों ने इसे परिवाद का नाम दिया। 2014 में भी लोकसभा में कांग्रेस चुनाव हारी लेकिन राहुल गाँधी अमेठी से जीत गए।
लेकिन 2019 में उन्हें स्मृति ईरानी से हार का सामना करना पड़ा। 16 दिसंबर 2017 को राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बन गए।
राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी ने पहला विधानसभा चुनाव गुजरात में लड़ा और BJP को अच्छी टक्कर दी। गुजरात के बाद मध्य प्रदेश, कर्नाटक, झत्तीसगढ़ , राजस्थान विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की परफॉर्मेंस काफी दमदार रही।
लेकिन 2019 में स्मृति ईरानी से हारने के बाद राहुल गांधी ने अपने इस्तीफे की पेशकश की।