इंटरनेट डेस्क। भारत का पहला स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस विक्रात निर्माण कार्य के अपने अंतिम चरण में है। यह विमानवाहक पोत साल 2020 के शुरूआत तक समुद्री परीक्षण के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। इस बात की जानकारी युद्धपोत उत्पादन सचिव कमोडोर साइरिल थामस ने रक्षा सचिव संजय मिश्रा को दी।

इस दौरान वाइस चीफ वाइस एडमिरल अजीत कुमार, नौसेना युद्धपोत उत्पादन के वाइस एडमिरल डी एम देशपांडे सहित भारतीय नौसेना के अन्य अधिकारी मौजूद रहे। मधु एस नायर, चेयरमैन कोच्चि शिपयार्ड के मुताबिक, देश का पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत निर्धारित समय सीमा के अंदर बनकर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा।

विमानवाहक पोत विक्रांत के निर्माणकार्य की अनुमति साल 2008 के दौरान मिली थी, जबकि साल 2013 में इसे लांच किया गया था। अब उम्मीद है कि साल 2020 में यह स्वदेशी युद्धपोत समुद्री परीक्षण के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएगा।

गौरतलब है कि स्वेदशी युद्धपोत विक्रांत पर करीब 20 लड़ाकू विमान तथा 10 अन्य विमानों की तैनाती की जाएगी। जिनमें वायुसेना के लड़ाकू विमान मिग-29 की तैनाती विक्रांत पर की जाएगी। शुरू में लड़ाकू विमान तेजस की भी तैनाती का प्लान था, लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से इसकी तैनाती निरस्त कर दी गई।

आईएनएस विक्रांत के भारतीय नौसेना में शामिल होते ही भारत शक्तिशाली देशों अमेरिका, रूस, फ्रांस तथा ब्रिटेन की श्रेणी में आ जाएगा, जिनके पास 40000 टन क्षमता वाले युद्धपोत हैं। फिलहाल आईएनएस विक्रमादित्य भारतीय नौसेना में शामिल सबसे बड़ा विमानवाहक युद्धपोत है।

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