आपको बता दें कि आजादी के बाद भारतीय नौसेना ने अपनी ताकत में लगातार इजाफा किया है। इंडियन नेवी अब जमीन, समंदर और हवा में एटमी हमले का जवाब देने की क्षमता से युक्त हो चुकी है। भारत की तीनों सेनाओं में मेक इन इंडिया का सिद्धांत सबसे पहले नौसेना ने ही शुरू किया।

आपको बता दें कि इंडियन मिलिट्री व इंडियन एयरफोर्स के मुकाबले भारतीय नौसेना में अधिक स्वदेशी लड़ाकू उपकरण हैं। इसी क्रम में आज हम आपको स्वदेश निर्मित युद्धपोत आईएनएस किलटन के बारे में खास जानकारी देने जा रहे हैं।

- आईएनएस किलटन को भारत में निर्मित सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक माना जाता है।

- किलटन शब्द लक्षद्वीप के एक कोरल आइलैंड किलटन से लिया गया है।

- आईएनएस किलटन कमोर्ता क्लास के चार युद्धपोत में से तीसरा युद्धपोत है।

- आईएनएस किलटन 14 नवंबर, 2017 को इंडियन नेवी में शामिल हुआ।

- आपको जानकारी के लिए बता दें कि आईएनएस किलटन के अंदर एक ऐसा अंडरवॉटर अकाऊस्टिक सिस्टम लगा है, जिससे दुश्मन को इसके करीब आने तक की भनक नहीं लगती है। इसके बाद यह आसानी से दुश्मन को अपना शिकार बना सकता है।

- आईएनएस किलटन एक एंटी-पनडुब्बी वारफेयर है, जिसका कुल वजन 3,500 टन और लंबाई 109 मीटर है। इसमें 4 डीज़ल इंजन लगे हैं।

- चूंकि आईएनएस किलटन कार्बन फाइबर से निर्मित है, इसलिए इसका वजन कम है। कम वजन होने के कारण इसकी रफ्तार बहुत तेज है।

- आईएनएस किलटन में 76 एमएम कैलिबर मीडियम रेंज गन, दो मल्टी-बैरल 30 एमएम गन, हेवीवेट टारपीडो के अलावा एएसडब्ल्यू रॉकेट से युक्त है। इसके ​अतिरिक्त एएसडब्ल्यू हेलिकॉप्टर भी आईएनएस किलटन का अहम हिस्सा है।

- इंडियन नेवी का जंगी जहाज क्लोज इन वैपन सिस्टम, फायर कंट्रोल सिस्टम से युक्त है।

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