भारतीय सेना के 2 एयरबेस देश से बाहर ताजिकिस्तान में भी है। इस बात की जानकारी बहुत कम लोगों को होगी। बता दें कि इन एयरबेस का नाम आयनी और दूसरे का नाम फारखोर है। इन एयरबेस से भारत की आर्मी चीन और पाकिस्तान पर नजर रखती है। इस एयरबेस की लागत की बात करें तो ये 350 करोड़ है और इन्हे सबसे अहम माना जाता है।

पीओक, अफगानिस्तान और चीन की सीमारेखाएं ताजिकिस्तान से सटी हुई हैं। पाक अधिकृत कश्मीर तथा ताजिकिस्तान के बीच की दूरी मात्र 16 किमी. है। अफगानिस्तान की1420 किमी सीमा रेखा ताजिकिस्तान से जुड़ी हुई है।

सियाचिन जो देश का सबसे ऊँचा एयरपोस्ट है, वो भी यहां से बिल्कुल ही नजदीक है। फारखोर एयरबेस से भारतीय वायुसेना बहुत आसानी से चीन और पाकिस्तान पर कड़ी नजर रख सकती है। यहाँ से पाकिस्तान में भी काफी जल्दी पहुंचा जा सकता है।

ताजिकिस्तान को सेंट्रल एशिया को गेटवे भी कहा जाता है। इन विदेशी एयरबेसों के आधार पर हम ये भी कह सकते हैं कि भारत की विदेश नीति भी वाकई में सबसे बेहतर है।

गौरतलब है कि द्वितीय विश्वयुद्ध के समय आयनी एयरबेस को सोवियत संघ रूस ने अपना ठिकाना बनाया था। रूस से इस एयरबेस से दुश्मनों में तबाही मचा दी थी। बाद में यह एयरबेस इस्तेमाल के लायक नहीं बचा था। अयानी एयरबेस ताजिकस्तान की राजधानी दुशानबे से महज 10 किमी. की दूरी पर मौजूद है।

Related News