2015-2017: भारत की हिफाजत में शहीद होने वाले जवानों की संख्या, देशभक्त जरूर पढ़ें यह खबर
दोस्तों, आपको बता दें कि आतंकी घुसपैठ को रोकने में सुरक्षा बलों की नियंत्रण रेखा, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर शहादत बढ़ रही है। जहां तक आतंकियों के मारे जाने की सूची है, केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, 2011-13 के दौरान 239 आतंकियों को मार गिराने का दावा किया गया है। वहीं 2014-2017 के दौरान 368 आतंकी मारे गए। जबकि ठीक इसके विपरीत सुरक्षा बलों की शहादत की संख्या को लेकर अभी जो आंकड़े सामने आए हैं, उसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
बता दें कि पिछले तीन सालों में भारतीय-पाक सीमा पर आतंकी घुसपैठ को नाकाम करने में सुरक्षाबलों के करीब 400 जवान शहीद हुए हैं। इन शहीद हुए जवानों में सर्वाधिक संख्या सीमा सुरक्षा बल यानि बीएसएफ की है।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, साल 2015 से 2017 के बीच सीमा सुरक्षा बल के करीब 167 जवान शहीद हुए हैं। इनमें से अधिकांश देश की सीमा पर पहरा देते हुए शहीद हुए हैं। ठीक इसी तरह सीआरपीएफ यानि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के करीब 103 जवान शहीद हुए हैं। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के यह अधिकांश जवान जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का सामना करते हुए तथा नक्सली गतिविधियों में शहीद हुए।
आपको बता दें कि एसएसबी यानि सशस्त्र सीमा बल 48 सुरक्षाकर्मी शहीद हो चुके हैं। इन्होंने भारत-भूटान और भारत-नेपाल सीमा की रक्षा करते हुए शहादत दी है। जी हां, दोस्तों इन्हीं तीन वर्षों में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के कुल 40 जवान देश की हिफाजत में शहीद हो चुके हैं। असम राइफल के 35 जवान और सीआईएसएफ यानि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षाबल के दो जवान देश की सुरक्षा में शहीद हो चुके हैं।