आपको बता दें कि मंगलवार सुबह इंडियन एयरफोर्स के 12 मिराज-2000 विमानों के समूह ने पीओके में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के कई आतंकी ठिकानों को पर बम बरसाए। खबर के मुताबिक, मिराज-2000 फाइटर जेट के समूह ने आतंकी कैंपों पर 1000 किलो के बम गिराए। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिरकार भारतीय वायुसेना के पास कई लड़ाकू विमान है, फिर इस हवाई हमले के लिए मिराज-2000 को ही क्यों चुना गया? आइए जानें, इंडियन एयरफोर्स के लड़ाकू विमान मिराज-2000 के बारे में।

- लड़ाकू विमान मिराज-2000 फ्रांस की कंपनी डसाल्ट एविएशन द्वारा निर्माता है, जिसने राफेल को बनाया है।

- फाइटर जेट मिराज-2000 चौथी जेनरेशन का मल्टीरोल, सिंगल इंजन लड़ाकू विमान है।

- फाइटर जेट मिराज-2000 दुनिया के लगभग 9 देशों को अपनी सेवाएं दे रहा है। 2009 तक आंकड़ों के मुताबिक दुनियाभर में 600 से अधिक मिराज सेवारत हैं।

- अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को लड़ाकू विमान एफ-16 दिए जाने के बाद भारत ने फ्रांस से लड़ाकू विमान-2000 की खरीद के संबंध में बातचीत शुरू की थी।

- 29 जून 1985 को सात विमानों की डिलीवरी के साथ इंडियन एयरफोर्स पहली विदेशी सेना बनी, जिसके पास मिराज-2000 लड़ाकू विमान थे।

- इंडियन एयरफोर्स के मिराज-2000 में परिवर्तित नंबर 1 स्क्वाड्रन को द टाइगर्स के नाम से जाना जाता है।

- लड़ाकू विमान मिराज-2000 पारंपरिक और लेजर गाइडेड बम को भी गिराने में सक्षम है।

- लड़ाकू विमान मिराज-2000 नए सेंसर, आरडीवाई रडार और कंट्रोल सिस्टम का उपयोग करके कई निशानों को एक साथ साधने में सक्षम है। यह लड़ाकू विमान हवा से जमीन और हवा से हवा में मार करने में माहिर है।

- फाइटर जेट मिराज-2000 के कॉकपिट में लगी स्क्रीन में लक्ष्य को साधने, हथियार फायरिंग तथा उड़ान नियंत्रण संबंधित डेटा प्रस्तुत करने की शानदार क्षमता है।

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