जम्मू-कश्मीर राज्य में बन रहे दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज का निर्माण कार्य पूरा होने के कगार पर है। 2022 तक मतलब इस साल के अंत तक यह पुल रेल यातायात के लिए चालू हो सकता है। चिनाब नदी पर बन रहे इस रेलवे आर्च ब्रिज की ऊंचाई 359 मीटर और लंबाई 1,315 मीटर है. बादलों के ऊपर मेहराब के आकार का यह पुल किसी इंजीनियरिंग चमत्कार से कम नहीं है। जिसके साथ ही चिनाब नदी पर बन रहे पुल की ऊंचाई चीन में बेपन नदी पर बने डग ब्रिज की ऊंचाई से भी ज्यादा है.

बता दे की, केंद्रीय रेल मंत्री ने सोमवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज 'चिनाब ब्रिज' की तस्वीर साझा की। केंद्रीय मंत्री ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि बादलों के ऊपर दुनिया का सबसे ऊंचा मेहराब चिनाब ब्रिज। तस्वीरों में इस ब्रिज की ऊंचाई ऐसी है कि इसके नीचे बादल भी नजर आ रहे हैं. वहीं, भारतीय रेलवे ने अप्रैल 2021 में ही पुल पर आखिरी आर्च क्लोजर को पूरा किया।

पुल का मुख्य उद्देश्य कश्मीर घाटी से कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है। इस पुल पर पटरियां इस तरह बिछाई जाएंगी कि ट्रेन 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सके. उत्तर रेलवे ने उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक पर 111 किलोमीटर के सबसे कठिन खंड को दिसंबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है. जल्द ही पर्यटक भी इस पुल से यात्रा कर सकेंगे. .

आपकी जानकारी के लिए बता दे की प्रोजेक्ट में जिस तरह से भारतीय रेलवे की शानदार इंजीनियरिंग देखने को मिली है, वह इसलिए भी खास है क्योंकि जहां चिनाब ब्रिज बन रहा है उसके आसपास के पहाड़ों की जमीन काफी कच्ची है. कच्चे पहाड़ों और चट्टानों के बीच इतना बड़ा पुल बनाना अपने आप में एक मिसाल और चमत्कार है. अब यह काम पूरा होने की कगार पर है। इस ब्रिज पर -15 डिग्री सेल्सियस तापमान का भी कोई असर नहीं पड़ेगा.

जिसके अलावा यह ब्रिज 250 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं को भी आसानी से सहन कर सकेगा। वहीं पुल को आतंकियों और किसी भी तरह के हमले से बचाने के लिए सुरक्षा के कुछ पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. आपको बता दें, पुल के एक तरफ बने खंभे की ऊंचाई करीब 131 मीटर है.

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