कोरोना के समय में अभी सभी वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। लेकिन अगर आप भी कंप्यूटर पर काम करते हो तो देखते होंगे कि कीबोर्ड पर हाथ काफी फ़ास्ट चलता है। आपने देखा है कि कंप्यूटर के कीबोर्ड पर अल्फाबेट ABCD फॉर्म में नहीं होते हैं बल्कि उल्टे पुल्टे होते हैं। ये Q, W, E, R, T, Y फॉरमेट में होते हैं। तो आपके मन में ये सवाल जरूर आया होगा कि ये आखिर सही क्रम में क्यों नहीं होते हैं?

कंप्यूटर या लैपटॉप से पहले टाइपराइटर मशीन में भी यही फॉर्मेट
कम्प्यूटर्स से पहले टाइप राइटर में भी QWERTY फॉर्मेट ही हुआ करता है। इस स्टाइल को Christopher Latham Sholes ने तैयार किया था और इसका सबसे पहले इस्तेमाल 1874 में होने लगा था। तब इसे रेमिंग्टन-1 के नाम से जाना गया। इस से पहले ये ABCD फॉर्मेट में हुआ करते थे।

QWERTY से पहले ABCD मॉडल हुआ करता था
पहले Typewriter के Keyboard भी A,B,C,D फॉर्मेट में हुआ करते थे लेकिन तब टाइप करने में स्पीड बहुत कम होती थी और ये बेहद ही असुविधाजनक भी था। इसके बाद QWERTY फॉर्मेट तैयार किया गया। दरअसल, ABCD वाले कीबोर्ड की वजह से टाइपराइटर पर टाइप करना मुश्किल हो रहा था इसलिए इस फॉर्मेट का इजात किया गया।

1870 के दशक में QWERTY Format आया। इस फॉर्मेट में उन लेटर्स को उँगलियों के रीच में रखा गया जिनका इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है। तो अब आप समझ चुके होंगे कि आपके स्मार्टफोन और कीबोर्ड QWERTY फॉर्मट में क्यों है।

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