किसी भी शुभ कार्य से पहले सबसे पहले गणपति का ही पूजन किया जाता है या आह्वान किया जाता है.क्या आपको पता है कि गणेश को क्यों प्रथम पूज्य माना जाता है? गणपति का पूजन सबसे पहले करने के पीछे कई कहानियां एवं कई कारण है. आइये आज आपको बताते है कि गणपति प्रथम पूज्य क्यों है?

गणपति उपनिषद के अनुसार श्री गणेश प्रकृति और पुरुष दोनों से पहले ही सृष्टि में मौजूद थे. इसका मतलब सबसे पहले अगर कुछ था तो सिर्फ गणपति. इसी बात को ध्यान में रखते हुए उपनिषद में किसी भी कार्य से पहले गणेश पूजन करने की बात कही गयी है.

पौराणिक कथाओं में भी गणेश को प्रथम पूज्य मानने को लेकर कई कथाएं प्रचलित है. लेकिन इनमे से भी दो कथाएं सबसे ज्यादा मानी जाती है .

पहली कथा गणेश की उत्पत्ति को लेकर है

एक बार पार्वती स्नान कर रही थी और उन्होंने अपनी रक्षा के लिए गणेश की रचना की.

जब शिव आये तो गणेश ने उनको प्रवेश करने से रोका. क्रुद्ध होकर शिव ने गणेश का सिर काट दिया. जब पार्वती को ये बात पता चली तो उन्होंने विलाप करते हुए शिव से उनके पुत्र को पुनर्जीवित करने को कहा.

शिव और विष्णु ने एक हाथी का सिर गणेश के सिर के स्थान पर लगाकर उन्हें पुनर्जीवित किया और कहा कि गणेश आज से पर्थ पुज्य होंगे. कोई भी शुभ कार्य की शुरुआत गणेश की पूजा अर्चना से ही होगी अन्यथा वो कार्य सफल नहीं होगा. उसके बाद से ही किसी भी कार्य से पहले सर्वप्रथम गणेश को पूजा जाता है.

गणेश पूजन से जुड़ी दूसरी कहानी जिसके उसके अनुसार एक बार गणेश और उनके भाई कार्तिकेय में शर्त लगी की जो पृथ्वी की परिक्रमा सबसे पहले करके आयेगा वही सबसे तेज़ और बुद्धिमान होगा. कार्तिकेय को घमंड था कि उनका वाहन मोर है और गणेश का मूषक तो वो आसानी से जीत जायेंगे.

जब दौड़ प्रारम्भ हुई तो कार्तिकेय मोर पर सवार होकर धरती की परिक्रमा करने को उड़ गए. वहीँ गणेश ने अपने माता पिता शिव और पार्वती की परिक्रमा की और कहा मेरे लिए समूर्ण जगत मेरे माता पिता है.

प्रसन्न होकर शिव पार्वती ने गणेश को वरदान दिया कि किसी भी शुभ कार्य से पहले उनका पूजन किया जायेगा

योगी विचारधारा के अनुसार गणेश को प्रथम पूज्य मानने का अपना अलग कारण है.

योगिक विचारधारा में माना जाता है कि संसार की हर चीज़ दो श्रेणियों में आती है भौतिक और आध्यात्मिक. ऐसा माना जाता है की गणेश हमारे शरीर के मूलधारा चक्र को नियंत्रित करते है. मूलधारा चक्र आध्यात्मिक और भौतिक के के समन्वय का केंद्र होता है. गणेश हमें हर तरह के भौतिक सुख भी प्रदान करते है और साथ ही साथ वो आध्यात्मिक जागृति के माध्यम से जीवन मरण के चक्र से भी मुक्त करते है. इसीलिए गणेश को सर्वप्रथम पूजा जाता है.

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