आपके मुँह में भी अपनी पसंदीदा खाने की चीज के बारे में सोचते ही पानी आने लगता होगा। या फिर कभी आपको जोरों की भूख लग रही हो और सामने अगर कोई खाने की फोटो भी आ जाए तो हमारे मुँह में पानी आने लगता है। तो आपने सोचा कि आखिर ऐसा क्यों होता है? आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं।

पहले ये जान लेना जरूरी है कि दांतों को चबाने और भोजन को पचाने में लार की आवश्यकता होती है। इसलिए जैसे ही हम खाने के बारे में सोचते हैं या उसे देखते हैं तो हमारा दिमाग सिग्नल भेजने लगता है और इसके परिणाम स्वरूप हमारे मुँह में पानी आता है। दिमाग ये सब भोजन को सोचने मात्र से ही करने लगता है और हमारे मुँह में भोजन को पचाने के लिए लार बनने लगती है।

लार 99.5 प्रतिशत पानी और 0.5 प्रतिशत प्रोटीन, इलेक्ट्रोलाइट्स और लिपिड (प्राकृतिक अणुओं के एक समूह) है। भोजन की गंध से भी दिमाग सिगनल भेजता है और मुँह में पान आता है।

ठीक उसी तरह जब हमें छींक आने वाली होती है तब भी हमारी आँखे बंद हो जाती है ये भी हमारे दिमाग के प्रतिक्रिया करने के फलस्वरूप ही होता है। तो अब आप समझ चुके होंगे कि हमारे मुँह में खाने के बारे में सोचते ही पानी क्यों आता है?

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