आप देखेंगे कि हजारों की संख्‍या में निर्वस्‍त्र साधु गंगा में डुबकी लगा रहे हैं। यह नजारा सिर्फ कुंभ के समय ही क्‍यों देखने को मिलता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये साधु कपड़े क्यों नहीं पहनते हैं। नागा साधु हिंदू धर्मावलंबी साधु हैं, जो कि नग्न रहने और युद्ध कला में माहिर होने के लिए फेमस होते हैं। जिनकी परंपरा गुरु शंकराचार्य द्वारा की गई थी जो की आज भी चल रही है।



नागा साधुओं का कपड़ों को लेकर मानना है कि, कपड़े वो लोग पहनते हैं जिन लोगों को अपनी सुरक्षा करनी है, हम बाबा है। इसलिए हमें सुरक्षा का कोई महत्व नहीं है। नागा साधु का शरीर समय के साथ साथ ऐसा हो जाता है कि इन को किसी मौसम में कोई फर्क नहीं पड़ता है. यह लोग हमेशा ध्यान में लीन रहते हैं।



नागा साधुओं को दुनिया से कोई मतलब नहीं होता, नहीं इनका परिवार होता है, इनका परिवार नागा समुदाय के लोग ही होते हैं। नागा पंथ में शामिल होने के लिए जरूरी जानकारी हासिल करने में 6 साल लगते हैं। इस दौरान नए सदस्य एक लंगोट के अलावा कुछ नहीं पहनते। कुम्भ मेले में अंतिम प्रण लेने के बाद लंगोट भी त्याग देते हैं और जीवन भर यूं ही रहते हैं।

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