आपने कई बार चमकादड़ देखा होगा। ये आपको उड़ते हुए या लटका हुआ दिखा होगा। चमकादड़ उल्टे ही लटकते हैं। तो आपके मन में भी सवाल आया होगा कि आखिर ये उलटे क्यों लटकते हैं। चमकादड़ सोते भी उकलते हैं। इसके बारे में ही आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि इसका क्या कारण है?

चमगादड़ के पीठ और पंजे मांशपेशियों के विपरीत काम करते हैं। उनके घुटने पीछे की तरह होते हैं। जब वे उलटे लटक कर आराम करते हैं तो उन की मांसपेशियां पैर की उंगलियों और पंजों को जकड़ लेती है, इसलिए उन्हें कोई ताकत नहीं लगानी पड़ती। वो उल्टा लटकते वक्त भी आराम में ही रहते हैं।

मदद करता है. अमेरिका रेड क्रोस के अनुसार, अगर इंसान के शरीर की बात करें तो इंसान में 2 गैलन यानी करीब 7.5 लीटर खून होता है.

चमगादड़ काफी हल्के होते हैं तो उससे गुरुत्वाकर्षण और ब्लड फ्लो की उन्हें ज्यादा दिक्कत नहीं होती है। चमकादड़ की अगर उलटे लटकते हुए मौत हो जाए तो वो मर कर भी उलटे लटके हुए रह सकते हैं।

उड़ने में मिलती है मदद
उल्टे लटके रहने से चमगादड़ काफी आसान से उड़ान भर सकते हैं। उनके पिछले पैर इतने छोटे और अविकसित होते हैं कि वो दौड़ कर गति नहीं पकड़ पाते, इसलिए वे उल्टे लटक कर उड़ान भरते हैं। उल्टे सोने की वजह से वो आराम से उड़ान भर लेते हैं।

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