दिन ढलने के साथ ही क्यों बेचैन हो उठती थी मुग़ल हरम की रानियां? करने लगती थी ये काम!
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मुगल काल में हरम के बारे में आपने सुना होगा। हरम वह जगह होती थी जहाँ राजा अपनी कई सारी रानियों को रखते थे। उन्हें जो भी लड़की पसंद आ जाती वह उसे अपने हरम में रख लेते थे। यहाँ केवल रानियां ही नहीं होती थी बल्कि हजारों की संख्या मेंरानियां, दासियां और अन्य महिलाएं भी थीं। हरम में की रानियों का जीवन अत्यंत जटिल और प्रतिस्पर्धात्मक था। इन सभी का एकमात्र उद्देश्य शासक को आकर्षित करना और उसकी पसंद बनना था। यहाँ महिलाओं का एक समुदाय था जो केवल सौंदर्य बल्कि अपने कला, नृत्य, गायन का भी प्रदर्शन करती थी।
बेचैनी का माहौल
हर दिन शाम होते ही जब मुगल हरम में आते थे तो रानियां बेचें हो जाती थी। वो ऐसा हर संभव प्रयत्न करती थी कि अपने सौंदर्य, आकर्षण और कलाओं के माध्यम से शासक का ध्यान खींच सके, और शासक उसे चुन कर उसके साथ ही रात बिताए। चुनी जाने वाली रानी का सम्मान बढ़ जाता था और उसे कई तरह की विशेष सुविधाएं भी मिलती थी।
सुंदर और सबसे आकर्षक दिखने के लिए रानियां महंगे आभूषण, कपड़े और खुशबूदार इत्र का प्रयोग करती थीं। इसलिए वहां की रानियां दोपहर से ही सजने में लग जाती थी जिस से कि वह सबसे खूबसूरत दिखाई दे और शासक उसे ही चुने।