भारत की स्वतंत्रता में गाँधी जी का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता है, उनकी आत्मकथा ‘सत्य के साथ मेरे प्रयोग’ भी दुनिया भर में प्रचलित है,वैसे आज उनके जन्मदिन के मौके पर उनके जीवन से जुड़े कुछ सच्चाई जानेगे, हम सभी जानते है कि महात्मा गाँधी का विवाह बहुत की कम उम्र में हुआ था कहा जाता है जब वे 13 वर्ष के थे तब कस्तूरबा से हो गया था।

लेकिन अपनी शादी के लगभग तीन दशक बाद महात्मा गाँधी को एक अन्य महिला से प्रेम हो गया था, उस समय गांधीजी की उम्र 55 वर्ष थी और जिस महिला से उन्हें प्रेम हुआ था वे 47 वर्ष की थी। उस महिला का नाम सरलादेवी चौधरानी था, ये उस समय की बात है जब गांधीजी कांग्रेस के सर्वप्रमुख नेता नहीं हुए थे।

हालाँकि ऐसा बिलकुल भी नहीं था की गांधीजी ने इस प्रेम को छिपाया हो, उन्होंने खुद सी. गोपालाचारी को एक पत्र लिखकर इस बात का जिक्र किया था कि ‘मुझे प्रेम हो गया है.’ गोपालाचारी को गांधीजी की इस बात से धक्का लगा और उन्होंने गांधीजी को कड़े शब्दों में पत्र लिखकर कहा कि ‘कस्तूरबा सुबह का सूरज है और सरलादेवी कैरोसिन लैंप।



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