क्या होता है डेथ वारंट, इस पर क्या क्या लिखा होता है, पढ़ें पूरी जानकारी
2012 में हुए निर्भया रेप कांड को लेकर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुना दिया है। चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है और इन्हे 22 जनवरी को सुबह सात बजे फांसी दी जाएगी।
हालांकि दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा है कि वो क्यूरेटिव याचिका दायर करेंगे। लेकिन फांसी की सजा सुनाते ही एक डेथ वारंट जारी किया जाता है और आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं कि डेथ वारंट क्या होता है और इस पर क्या क्या लिखा होता है?
निर्भया के गुनहगारों को फांसी पर लटकाने वाले पवन जल्लाद को मिलेंगे इतने रुपए, जानिए यहाँ
डेथ वारंट या ब्लैक वारंट, कोड आफ क्रिमिनल प्रोसीजर- 1973 यानी दंड प्रक्रिया संहिता-1973 (CRPC) के फॉर्म नंबर -42 को कहा जाता है। इसमें उपर ' वारंट ऑफ एक्जेक्यूशन ऑफ अ सेंटेंस ऑफ डेथ' लिखा होता है। ये वारंट जब जारी हो जाता है तो दोषी को फांसी की सजा सुनाई जाती है।
अमेरिका ने किया आगाह, अब भारत के सामने ये बड़ी चुनौतियां, जिसे निकल पाना होगा बहुत मुश्किल
वारंट के फार्म पर भरने होते हैं ये खाली कॉलम :
- जेल नंबर
- दोषी का नाम
- केस नंबर
- वारंट जारी करने की तिथि
- फांसी की सजा की तारीख, समय और जगह
वारंट पर ये भी लिखा होता है कि दोषी को कितनी देर तक फांसी पर लटकाया जाना चाहिए जब तक कि उसकी मौत ना हो जाए। कोर्ट द्वारा जारी डेथ वारंट सबसे पहले जेल प्रशासन के पास पहुंचता है। इसके बाद उस सारी प्रकिया का भी निर्वहन होता है जो दोषी को फांसी देते समय होती है। प्रक्रिया पूरी करने के बाद जेल प्रशासन कैदी की मौत से जुड़े डाक्यूमेंट्स भी कोर्ट में जमा करवाता है।
22 जनवरी को पवन, विनय, मुकेश और अक्षय को फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा। जानकारी के मुताबिक फांसी घर की मरम्मत के साथ जल्लाद की व्यवस्था भी हो गई है। लेकिन आरोपी द्वारा क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने पर फांसी की सजा को टाला जा सकता है। क्यूरेटिव पिटीशन सुप्रीम कोर्ट में लगाई जाती है, इसमें कोर्ट ने जो सज़ा तय की है उसमें कमी के लिए रिक्वेस्ट की जाती है। यानी फांसी की सज़ा उम्रकैद में बदल सकती है। क्यूरेटिव पिटीशन दोषी के पास मौजूद अंतिम मौका होता है। दोषी विनय कुमार शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है लेकिन अब ये वक्त ही बताएगा कि इनकी फांसी की सजा में कोई कमी होती है या इन दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाना तय है।