स्वर्ग और नर्क है या नहीं ये एक ऐसा मुद्दा है जिस पर काफी समय से बहस छिड़ती आई है। कुछ लोग मानते हैं कि स्वर्ग और नर्क होते हैं जबकि कुछ लोग इन बातों में भरोसा नहीं करते हैं। लेकिन इस से जुड़ी आपने कई कहानियां सुनी होगी। लेकिन वास्तव में स्वर्ग और नर्क किसी ने नहीं देखा, इसलिए ये कहानियां भी कहीं न कहीं लोगों के मन में एक भ्रम पैदा करती हैं

लेकिन जानकारों के अनुसार हमारा शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है, जो कि नाशवान है जबकि आत्मा का अंत नहीं होता ये अजर अमर होती है। शरीर के नष्ट होने के बाद भी आत्मा का सफर जारी रहता है। किसी की मौत होने के बाद उसकी आत्मा उसके शरीर से निकल जाती है। इसके बाद आत्मा का क्या होता है, इसके बारे में गरुड़ पुराण में काफी कुछ कहा गया है. जानिए इन बातों के बारे में-


शुरुआत में 13 दिनों के लिए यमलोक जाती है आत्मा
गरुण पुराण के अनुसार मौत के बाद यमलोक से यमदूत आत्मा को लेने आते हैं और वे सिर्फ 24 घंटों के लिए आत्मा को अपने साथ लेकर जाते हैं। इन 24 घंटों में मृतक के परिजन उसके शरीर का दाह संस्कार और अन्य कर्म करते हैं। तब आत्मा को अपने द्वारा किए गए अच्छे और बुरे कर्म के बारे में दिखाया जाता है और उसके बाद यमदूत आत्मा को वापस उसके घर पर छोड़ जाते हैं।

कर्मों के हिसाब से होता है उसके लोक का निर्धारण
13 दिनों तक आत्मा अपने परिवार के साथ उसी घर में रहती है और जब 13 दिन की रस्में पूरी हो जाती हैं, इसके बाद आत्मा को फिर से यमलोक ले जाया जाता है। रास्ते में तीन लोकों के रास्ते होते हैं। पहला मार्ग देवलोक का होता है, दूसरा पितृलोक का और तीसरा मार्ग नर्क का होता है। व्यक्ति के कर्मों के हिसाब से उन्हें आगे की यात्रा नसीब होती है।

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