हमारे हिंदू धर्म में पूजा पाठ का बहुत महत्व है। लोग अपने दिन की शुरुआत पूजा पाठ से ही करते हैं। पूजा पाठ करने के लिए कई प्रकार की सामग्रियां काम में ली जाती है। दिन में सबसे महत्वपूर्ण सामग्री है अगरबत्ती। पूजा-पाठ अगरबत्ती और धूपबत्ती के बिना नहीं पूरी होती है। पूजा के वक्त हर रोज लोग अगरबत्ती जलाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सप्ताह में दो ऐसे दिन हैं जब अगरबत्ती नहीं जलानी चाहिए और उसकी वजह क्या है। आइए इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे की कौन-कौन से दिन पूजा के दौरान अगरबत्ती का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। आइए जानते है विस्तार से -

* वास्तु शास्त्र में बांस को जलाने से किया गया है मना :

1. ऐसी मान्यता है कि बांस जलाने से वातावरण भी दूषित होता है और अगरबत्ती में कई तरह की केमिकल लेयरिंग होती है जिसकी वजह से ये खतरनाक साबित हो सकता है।

2. बांस की लकड़ी जलाना शास्त्रों में भी वर्जित है ऐसे में अगरबत्ती जलाना ठीक नहीं है। फेंगशुई के मुताबिक भी इससे भाग्य का नाश होता है क्योंकि ये एक ऐसा पौधा है जिससे सौभाग्य आता है।

3. बांस को वंश का प्रतीक माना जाता है, कहते हैं कि इस दिन जो बांस जलाता है उसे वंश को हानि होती है। हिंदू धर्म में जब अंतिम संस्कार के लिए अर्थी बनाई जाती है तो बांस की लकड़ी का इस्तेमाल होता है, उस वक्त भी चिता जलाते वक्त अन्य लकड़ियों का इस्तेमाल तो होता है लेकिन बांस की लकड़ी हटा दी जाती है क्योंकि बांस जलने से पितृदोष होता है, इसलिए लोग रविवार और मंगलवार ही नहीं अन्य दिन भी अगरबत्ती नहीं जलाते हैं बल्कि इसकी जगह धूपबत्ती का इस्तेमाल करते हैं।

* इस वजह से दो दिन अगरबत्ती जलाना होता है अशुभ

घर और दफ्तर में लोग इस पौधे को लगाते हैं जिससे घर में पॉजिटिविटी हो, और इतवार और मंगलवार दो ऐसे दिन हैं जिस दिन बांस जलाने की मनाही होती है। अगरबत्ती में बांस का इस्तेमाल किया जाता है, वास्तु शास्त्र में बांस का बहुत महत्व है। चूंकि अगरबत्ती बनाने में बांस की लकड़ी का उपयोग होता है इसलिए रविवार और मंगलवार को अगरबत्ती जलाने से मना किया जाता है।

Related News