वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के कमरे, किचन, बाथरूम, मंदिर आदि को बनाने के लिए नियम बताए गए हैं और ये भी जानकारी दी गई है कि इन्हे किस दिशा में रखना चाहिए।

मंदिर के निर्माण से लेकर इनमे किस तरह की मूर्तियां आपको रखनी है, उस से जुड़े भी नियम बताए गए हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में कुछ प्रकार की मूर्तियों को रखने से आपके जीवन में कई तरह के कष्ट और दुख आ सकते हैं। ऐसी मूर्तियों को तुरंत घर से हटा दें। आइये जानतें हैं किस प्रकार की मूर्तियों की पूजा घर या मंदिर में नहीं करनी चाहिए।

वास्तु शास्त्र के अनुसार मंदिर में एक ही देवता की दो तरह की मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए। ऐसा रखने से घर में कलेश व झगड़ा बढ़ता है और आपस में तनाव बना रहता है।



कई बार लोग घरों में टूटी हुई मूर्ति को रखते हैं। लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार खंडित मूर्तियों के दर्शन और पूजा का कोई भी फल नहीं मिलता है। अपितु अपशकुन होने की संभावना भी रहती है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार भगवान की पीठ दिखना शुभ नहीं होता है। कई बार हम मंदिर में मूर्तियों को इस तरह से रखते हैं जिससे एक तरफ से उनकी पीठ दिख रही होती है।



मंदिर में किसी देवता की ऐसी तस्वीर नहीं रखनी चाहिए जिसमे वे युद्ध कर रहे हों। वास्तु के अनुसार इससे इंसान का स्वभाव गुस्से वाला और हिंसका बनता है।

मूर्तियों के मुख शांत और हाथ आशीर्वाद देने की मुद्रा में होना चाहिए। उदास व गंभीर मुद्रा वाली मूर्तियां आपके उपर गलत असर डालती है। जिस वजह से आपके अंदर नकारात्मकता आती है।

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