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टैक्स सेविंग फाइनेंशियल प्लानिंग का एक महत्वपूर्ण घटक है। सोच समझकर टैक्स प्लानिंग न केवल व्यक्तियों को उनकी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में मदद करती है बल्कि कर देनदारियों को भी कम करती है। रिटायरमेंट के दौरान फाइनेंशियल प्लानिंग और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। खुद की वेल्थ ग्रोथ के लिए टैक्स प्लानिंग जरूरी हो गई है, खासकर सीनियर सिटिजंसके लिए। उनके लिए कम जोखिम वाले और कर-बचत समाधानों में निवेश करना महत्वपूर्ण है। रिटायरमेंट के बाद भी, वरिष्ठ नागरिकों को सालाना टैक्स पेमेंट जरूर करना चाहिए।

रिटायरमेंट के बाद कर लायबिलिटी को कम करने के लिए सर्वोत्तम बचत विकल्पों का पता लगाना आवश्यक है। इस लेख में, हम उन विकल्पों पर चर्चा करेंगे जो सीनियर सिटिजंस को उनकी टैक्स लायबिलिटी को कम करने में मदद कर सकते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये लाभ केवल पुरानी कर प्रणाली के तहत रिटर्न दाखिल करने वाले व्यक्तियों पर लागू होते हैं, नई प्रणाली के तहत नहीं।

टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपाॅजिट

आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत, सीनियर सिटीजन टैक्स-सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) में किए गए निवेश पर टैक्स बचा सकते हैं। ऐसी एफडी में निवेश करने वाले सालाना अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की बचत कर सकते हैं।सीनियर सिटीजन टैक्स-सेविंग एफडी पर मासिक, त्रैमासिक, अर्ध-वार्षिक या वार्षिक ब्याज के रूप में अच्छा रिटर्न कमाते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि वरिष्ठ नागरिकों को इन एफडी पर प्रतिस्पर्धी रिटर्न मिलता है, और लॉक-इन अवधि पांच साल है।

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पब्लिक प्रोविडेंट फंड

जब कर-बचत की बात आती है, तो पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक पसंदीदा योजना है। सरकार समर्थित यह योजना एक सुरक्षित निवेश है। पीपीएफ में निवेश से सालाना 1.5 लाख रुपये तक की बचत हो सकती है। पीपीएफ की ड्यूरेबिलिटी इसका सबसे अच्छा फीचर है और मैच्योरिटी 15 वर्ष है, जिसमें हर पांच साल में रिन्युअल का विकल्प होता है।

टैक्स फ्री बांड

टैक्स फ्री बांड में निवेशकों को आयकर से छूट दी जाती है, जिससे वे निश्चित आय निवेश का एक रूप बन जाते हैं। ये बांड सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों, सरकारी निगमों, नगर निगमों और अन्य बुनियादी ढांचा फर्मों द्वारा जारी किए जाते हैं। वे सुरक्षित निवेश विकल्प प्रदान करते हैं जो निवेशकों को वार्षिक निश्चित ब्याज आय प्रदान करते हैं, जो टैक्स फ्री है। मैच्योरिटी पर, दूसरे बॉन्ड की तरह से प्रिंसीपल अमाउंट वापस कर दिया जाता है। ये बांड एनएचएआई, आरईसी और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) जैसी संस्थाओं द्वारा उत्कृष्ट सुरक्षा रेटिंग के साथ जारी किए जाते हैं।

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इक्विटी-लिंक्ड बचत योजनाएं (ईएलएसएस)

हाई रिटर्न और सिग्नीफिकेंट टैक्स बेनिफिट चाहने वालों के लिए, इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) एक उत्कृष्ट विकल्प है। वर्तमान में, ईएलएसएस फंडों का लक्ष्य स्टेबल रिटर्न के बजाय लगातार रिटर्न उत्पन्न करना है। धारा 80सी के तहत, ईएलएसएस फंड में 1.5 लाख रुपये तक का निवेश कर लाभ के लिए पात्र है। ईएलएसएस के लिए तीन साल की लॉक-इन अवधि इसे टैक्स-सेविंग एफडी की तुलना में बेहतर विकल्प बनाती है, जो लिक्विडिटी और उच्च रिटर्न की संभावना प्रदान करती है।

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