स्प्राउट्स में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, विटामिन ए और सी पाया जाता है इसीलिए स्प्राउट्स काफी हेल्दी फूड माना गया है, ऐसे में लोग अपनी हेल्थ को ध्यान में रखते हुए अक्सर स्प्राउट्स को अपनी डाइट में शामिल करते हैं,ज्यादातर लोग स्प्राउट्स को अपने नाश्ते में खाते हैं,कई बार को डॉक्टर भी मरीजों को स्प्राउट्स अपनी डाइट में शामिल करने के लिए कहते हैं।


लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो स्प्राउट्स का इस्तेमाल ज्यादा नहीं करना चाहिए,माना स्प्राउट पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं लेकिन शरीर को इसे तोड़ने में अधिक समय लगता है,इसलिए यह स्टोमक ब्लोटिंग, एसिडिटी और कब्ज का कारण बन सकते हैं,इसलिए स्प्राउट्स का सेवन करते हुए इन बातों का ध्यान रखना चाहिए ।

कच्चे या बिना पके हुए स्प्राउट्स फूड प्वाइजनिंग का कारण बन सकते हैं,खास कर बच्चों और बुजुर्गों के लिए ये फूड परेशानी का सबक बन सकता हैं क्योकि बच्चों और बुजुर्गों की इम्युनिटी कमजोर होती है,जिसके चलते उनको फूड प्वाइजनिंग का खतरा अधिक रहता है।
बता दे की स्प्राउट्स में भरपूर मात्रा में कई तरह के न्यूट्रियंट्स पाए जाते हैं और हमारी बॉडी कई बार सभी पोषक तत्वों का अवशोषण नहीं कर पाती है,जिसके कारण बेहतर यही है कि स्प्राउट्स को कच्चा नहीं बल्कि थोड़ा सा पका लिया जाए,ऐसा करने से बॉडी तक सभी न्यूट्रियंट्स ज्यादा अच्छे से पहुंच पाते हैं।

स्प्राउट्स खाना उन लोगों के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है, जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है,जिन लोगों का पाचन तंत्र कमजोर है या ठीक से काम नहीं करता, उन्हें भी स्प्राउट्स का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।

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